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ऋषि शाह? वो अरबपति जिसने गूगल, गोल्डमैन को दिया धोखा, लगा दी अरबों की चपत

एक भारतीय-अमेरिकी बिजनेसमैन को एक अरब डॉलर की विज्ञापन धोखाधड़ी की साजिश रचने के लिए साढ़े सात साल की जेल की सजा सुनाई गई है. इस योजना ने गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक, गूगल पैरेंट अल्फाबेट इंक और इलिनोइस के गवर्नर जेबी प्रिट्जकर की वेंचर कैपिटल फर्म जैसे हाई-प्रोफाइल निवेशकों को धोखा दिया. आउटकम हेल्थ के सह-संस्थापक शाह को अप्रैल 2023 में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के कई मामलों में दोषी पाया गया. साथ ही उनकी कंपनी की सह-संस्थापक श्रद्धा अग्रवाल और ब्रैड पर्डी को भी दोषी पाया गया.

अग्रवाल को हाफवे हाउस में तीन साल की सजा मिली, जबकि पर्डी को दो साल और तीन महीने की जेल की सजा सुनाई गई. यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने शाह, अग्रवाल, पर्डी और पूर्व मुख्य विकास अधिकारी आशिक देसाई के खिलाफ एक दीवानी मुकदमा भी दायर किया, जिन्होंने मुकदमे से पहले दोषी होने का कबूल किया.

कौन है ऋषि शाह?
ऋषि शाह एक प्रौद्योगिकी निवेशक और उद्यमी हैं, जिन्होंने 2011 में जम्पस्टार्ट वेंचर्स की सह-स्थापना की. जहां उन्होंने स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, शिक्षा प्रौद्योगिकी और मीडिया में निवेश पर ध्यान केंद्रित करते हुए अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया. डॉक्टरों के परिवार में जन्मे शाह ने 2005 में हार्वर्ड के ग्रीष्मकालीन अर्थशास्त्र कार्यक्रम में भाग लिया. इससे पहले कि शाह ने नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय में कुछ समय के लिए पढ़ाई की और बाद में बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए पढ़ाई छोड़ दी.

2006 में शाह ने आउटकम हेल्थ (पूर्व में कॉन्टेक्स्ट मीडिया हेल्थ) की स्थापना की. जिसने रोगियों को स्वास्थ्य संबंधी विज्ञापन दिखाने के लिए डॉक्टरों के कार्यालयों में टीवी लगाए. उनके नेतृत्व में, आउटकम हेल्थ ने उल्लेखनीय रूप से विकास किया और 2010 के मध्य तक तकनीक और स्वास्थ्य सेवा निवेश क्षेत्रों में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया. 2016 में शाह की कुल संपत्ति गलत तरीके से बढ़ाकर 4 अरब डॉलर से ज्यादा कर दिया गया था. इसकी सच्चाई 2017 में तब सामने आई जब वॉल स्ट्रीट जर्नल ने आउटकम हेल्थ में धोखाधड़ी की गतिविधियों को उजागर किया. गोल्डमैन सैक्स और अल्फाबेट सहित निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया. जिसमें खुलासा हुआ कि शाह और उनके सह-संस्थापक ने मुनाफा कमाया, जबकि निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा.