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गढ़चिरौली का आखिरी गांव जहां सूरज की रोशनी भी नहीं पहुंचती, वहां था नक्‍सलियों का बड़ा लॉन्‍च पैड

नक्‍सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जाने के चलते पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार जैसे राज्‍य माओवादी गतिविधियों से लगभग मुक्‍त हो चुके हैं. अब सरकार और सुरक्षाबलों का पूरा फोकस छत्‍तीसगढ़ और महाराष्‍ट्र के नक्‍सल प्रभावित इलाके हैं. नक्‍सलियों के लिए सुरक्षित गढ़ माने जाने वाले गढ़चिरौली में महाराष्‍ट्र पुलिस और C-60 के कमांडो ने बड़ी सफलता हासिल की है. महाराष्‍ट्र पुलिस को सूचना मिली थी कि गढ़चिरौली में स्थित महाराष्‍ट्र के आखिरी गांव बांडोली के समीप घने जंगलों में नक्‍सलियों ने कैंप बना रखे हैं. इसके बाद पुलिस और C-60 की 7 टीमों ने पूरे इलाके को घेर लिया. ग्रामीणों की मानें तो दोपहर 12 बजे शुरू हुआ एनकाउंटर देर शाम 6 बजे समाप्‍त हुआ. इस एनकाउंटर में 12 कुख्‍यात नक्‍सलियों को मार गिराया गया. गढ़चिरौली क्षेत्र में नक्‍सलियों के खिलाफ यह बड़ी सफलता है.

पुलिस टीम को लीड करने वाले SP नीलोत्पल ने बताया कि बुधवार को मुठभेड़ में हमने 12 सशस्त्र माओवादियों को मार गिराया. सभी शवों की शिनाख्त कर ली गई है. इनमें टीपागढ़ दलम के 5 नक्‍सली और चांदगांव कासनसूर दलम के 7 माओवादी हैं. एसपी नीलोत्‍पल ने आगे बताया कि उत्तर गढ़चिरौली के जितने भी आर्म्‍ड कैडर थे, 17 जुलाई 2024 को सभी का सफाया किया गया. उन्‍होंने दावा किया कि बुधवार के अभियान के बाद उत्तर गढ़चिरौली को नक्सल मुक्त कर दिया गया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 11 हथियार जब्त किए गए हैं, जिनमें 7 ऑटोमेटिक हथियार हैं. पुलिस टीम को 3 एके-47, 2 इन्सास, 1 कार्बाइन और 1 एसएलआर अन्‍य असलहे और बड़ी संख्‍या में गोला बारूद मिला है.

तबाही मचाने की थी तैयारी
नक्‍सलियों ने गढ़चिरौली क्षेत्र के जिस बांडोली गांव के समीप घने जंगलों में कैंप बना रखा था,बरामद हथियार से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि नक्‍सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे. हालांकि, पुलिस टीम को पहले ही अपने सूत्रों से छत्‍तीसगढ़ की सीमा से लगते गढ़चिरौली में नक्‍सलियों ने कैंप बना रखा है और वहां बड़े नक्‍सली नेता भी मौजूद हैं. इसके बाद एसपी नीलोत्‍पल ने टीम का गठन किया और पूरे इलाके को घेर लिया. बता दें कि नक्‍सलियों ने ऐसे इलाके में अपना कैंप बना रखा था, जहां सूर्य की रोशनी भी काफी मुश्किल से पहुंवती है. सड़क मार्ग भी नहीं है.