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‘…इंद्रदेव पर ही केस कर दो’, राव IAS कोचिंग हादसे में थार ड्राइवर की गिरफ्तारी, दिल्ली पुलिस पर भड़की जनता

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में राव आईएएस कोचिंग सेंटर हादसे में पुलिस ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें थार एसयूवी का ड्राइवर भी शामिल है. इस ड्राइवर पर आरोप है कि उसने पानी से लबालब सड़क पर तेज गति से अपनी गाड़ी चलाई. इस कारण रोड पर जमे पानी में वेव पैदा हो गया और इस कारण बेसमेंट का गेट टूट गया. फिर पानी बेसमेंट में भर गया. इस कारण यह हादसा हो गया. इस हादसे में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की मौत हो गई.

पुलिस का कहना है कि इस हादसे के पीछे ड्राइवर की लापरवाही एक बड़ी वजह थी. हादसे के वक्त सड़क पर भरे पानी का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इस ड्राइवर की पहचान की. इस वीडियो में दिख रहा है कि बेसमेंट का गेट बंद था. उसमें पानी नहीं जा रहा था. लेकिन जैसे ही गेट से गाड़ी गुजरी पानी का बहाव काफी तेज हो गया. पानी बेसमेंट में भरने लगा. और कुछ ही मिनटों में बेसमेंट में 10 से 12 फीट तक पानी भर गया.

ड्राइवर को बलि का बकरा
पुलिस यह दावा बेवकुफाना लग रहा है. यह ठीक है कि एसयूवी ड्राइवर ने तेज गति से गाड़ी चलाई. लेकिन, क्या केवल इतने मात्र से यह हादसा हो गया? क्या इलाके में ड्रेनेज की व्यवस्था उचित थी? बेसमेंट के कमर्शियल इस्तेमाल की अनुमति किसने दी? क्या संस्थान के पास सेफ्टी एनओसी था? इलाके में पानी भरने के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या एमसीडी के अधिकारियों ने सही काम किया? ऐसे तमाम सवाल हैं जो पूछे जा रहे हैं. लेकिन, इन मूल सवालों के उत्तर में ही इस हादसे की वजह छिपी है. लेकिन, पुलिस इस पर बात नहीं कर रही है.

सोशल मीडिया पर भड़के लोग
पुलिस के इस दावे पर हर तरफ सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी लोग सवाल पूछ रहे हैं कि पुलिस किसकी नाकामी छिपाने के लिए ये कुतर्क कर रही है. वह इस हादसे का ठीकरा ड्राइवर पर फोड़ रही है जबकि इसके गुनहगार कोई और हैं.
एक्स पर हजारों लोग पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं. एक यूजर डॉ. सौरभ एस सच्चर लिखते हैं- एमसीडी के अधिकारियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता… क्योंकि ऐसा करने से कई राज खुल जाएंगे. किसी राजनेता को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. लेकिन, जनता को तो दिखाना है. ऐसे में सबसे अच्छा तरीका है किसी को बलि का बकरा बना दिया जाए. जनता भी खुश… वकील भी खुश.

गेट मेकर को आरोपी बनाए पुलिस
एक अन्य यूजर लिखते हैं- इस केस में गेट मेकर को आरोपी बनाना चाहिए जिसने खराब वेंडिंग की. कार मेकर को आरोपी बनाना चाहिए जिसने थार में चौड़े टायर लगा दिए. कुत्तों को आरोपी बनाना चाहिए जिसने सड़क पर सू-सू किया. इससे पानी बढ़ गया. बादलों पर केस करे कि इतना पानी क्यों हुआ.
एक यूजर उमाशंकर महतो लिखते हैं- जो लोग पैदल चल रहे थे वे भी छोटा-मोटा वेव बना रहे हैं. अलग-बगल में जो बाइक है उनके मालिको को भी गिरफ्तार किया जाए. जो वीडियो बना रहा है उसको खिलाफ भी केस हो… क्योंकि उसकी आवाज के कारण भी पानी लहर पैदा हुई होगी.

इंद्रदेव जिम्मेदार
एक यूजर अल्फा आर्य लिखते हैं- पुलिस इंद्रदेव को भूल गई. भारी बारिश के लिए वह जिम्मेदार हैं. इस तरह से इस वीडियो पर अब तक हजारों लोग अपना गुस्सा जाहिर कर चुके हैं. वे दिल्ली पुलिस की इस हरकत को सच छिपाने की कोशिश बता रहे हैं.

आखिर… सवाल यह है कि इस पूरे हादसे में बेसमेंट के कमर्शिय यूज की अनुमति देने वाले सरकारी अधिकारी, इलाके से पानी के उचित निकास की व्यवस्था नहीं करने वाले एमसीडी के अधिकारी और अन्य सरकारी विभाग के अधिकारियों को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया.