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खड़गपुर-मोरग्राम कॉरिडोर: सरकार ने बंगाल-ओडिशा को दी 10247 करोड़ की सौगात, 5 घंटे में पूरा होगा 10 घंटे का सफर

पूरे भारत भर में सड़क मार्ग से साजो-सामान की आवाजाही और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए एक बड़े कदम के रूप में केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 50,655 करोड़ रुपये के निवेश के साथ कुल 936 किलोमीटर लंबाई वाली आठ राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दी. इन परियोजनाओं को तैयार करने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 4.42 करोड़ मानव दिवस रोजगार पैदा होने की उम्मीद है. इनमें 4 लेन की खड़गपुर-मोरग्राम हाई-स्पीड कॉरिडोर भी शामिल है. बताया जाता है कि जब यह कॉरिडोर बनकर तैयार हो जाएगा तो, इसमें पूरे पश्चिम बंगाल की इकोनॉमी को बदलने की क्षमता होगी.

4-लेन खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर
खड़गपुर और मोरग्राम के बीच 231 किलोमीटर लंबे 4-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर को हाइब्रिड एन्युटी मोड (HAM) में 10,247 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत से विकसित किया जाएगा. नया कॉरिडोर मौजूदा 2-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग का पूरक होगा, जिससे खड़गपुर और मोरग्राम के बीच यातायात क्षमता में लगभग 5 गुना बढ़ोतरी होगी. यह एक छोर पर पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों और दूसरी ओर देश के उत्तर-पूर्वी हिस्से के बीच यातायात के लिए कुशल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. इस कॉरिडोर के बनने से खड़गपुर और मोरग्राम के बीच मालवाहक वाहनों के लिए यात्रा का समय मौजूदा 9 से 10 घंटे से घटकर 5 से 6 घंटे रह जाएगा. जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी.

7 दूसरे प्रोजेक्ट भी मंजूर
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूर की गई परियोजनाओं में 6-लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 6-लेन थराद-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 4-लेन अयोध्या रिंग रोड, रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर का पत्थलगांव और गुमला के बीच 4-लेन सेक्शन, 6-लेन कानपुर रिंग रोड, उत्तरी गुवाहाटी बाईपास और मौजूदा गुवाहाटी बाईपास का चौड़ीकरण/सुधार, और पुणे के पास 30 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड नासिक फाटा-खेड़ कॉरिडोर शामिल हैं.