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पेरिस ओलंपिक में अभी 5 मेडल और जीत सकता है भारत, 2 खिलाड़ी गोल्ड के दावेदार, टोक्यो को छोड़ेंगे पीछे

पेरिस ओलंपिक ने अपना आधा सफर कर लिया है. 26 जुलाई को शुरू हुए पेरिस गेम्स में पहला हाफ भारत के लिए बहुत अच्छा साबित नहीं हुआ. भारत के तीन शूटर्स ने जरूर मेडल जीते लेकिन आर्चरी, बॉक्सिंग जैसे खेलों ने अब तक निराश ही किया है. लेकिन भारतीय खेलप्रेमियों को इतना निराश होने की जरूरत नहीं है. पूरी संभावना है कि पेरिस ओलंपिक का दूसरा हाफ भारत के लिए अच्छा साबित होगा. भारतीय खिलाड़ी 4 से 11 अगस्त के बीच 5 मेडल और जीत सकते हैं. भारत ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में एक गोल्ड समेत 7 मेडल जीते थे. अब तक के प्रदर्शन को देखते हुए लगता है कि भारत टोक्यो गेम्स से आगे जा सकता है. आइए देखते हैं कि अभी किन-किन खेलों में भारत को मेडल मिलने की उम्मीद है.

1. नीरज फिर ला सकते हैं गोल्ड
नीरज चोपड़ा से भारत को गोल्ड मेडल की उम्मीद है. भारत के इस लाडले ने पिछले एक साल में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. वे बेहतरीन फॉर्म में हैं. सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के दिग्गज भी मान रहे हैं कि नीरज गोल्ड मेडल के सबसे तगड़े दावेदार हैं. नीरज चोपड़ा 6 अगस्त को उतरेंगे फील्ड पर उतरेंगे. एथलेटिक्स में 4 ×400 मीटर रिले रेस में भी भारत की महिला और पुरुष टीमें मेडल की दावेदार है. अविनाश साबले (स्टीपलचेज) पर भी नजर रखिएगा.

2. मीराबाई चानू पर भी दारोमदार
मीराबाई चानू टोक्यो ओलंपिक में भारतीय तिरंगे की शान बढ़ा चुकी है. उन्होंने टोक्यो में सिल्वर मेडल जीता था. पेरिस ओलंपिक में भी उनसे मेडल की उम्मीद है. मीराबाई अगर अपना बेस्ट परफॉर्मेंस देती हैं तो गोल्ड भी जीत सकती हैं. उनका मुकाबला 7 अगस्त को है.

3. हॉकी में लगातार दूसरे मेडल की उम्मीद
भारतीय हॉकी टीम ने अब तक उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया है. भारत ने हॉकी के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है, जहां उसके सामने ग्रेट ब्रिटेन की टीम है. भारत ने टोक्यो गेम्स के क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को ही हराया था. इस बार भी जीत की उम्मीद है. भारत अगर सेमीफाइनल में पहुंचा तो उसका मुकाबला जर्मनी और अर्जेंटीना से हो सकता है.
4. लक्ष्य सेन ने रचा इतिहास
लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स में इतिहास रच चुके हैं. वह ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं. सेमी फाइनल में उनका सामना मौजूदा ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन से होगा. डेनमार्क के विक्टर दिग्गज खिलाड़ियों में शुमार हैं, लेकिन लक्ष्य की फॉर्म को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि वे उलटफेर कर फाइनल में जगह बना सकते हैं. अगर लक्ष्य सेन सेमीफाइनल हार भी जाते हैं तो उन्हें ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले के लिए फिर मौका मिलेगा. यानी लक्ष्य को अभी कम से कम दो मैच खेलने हैं और उनमें से एक की जीत भी उन्हें मेडल दिला देगी.

5. लवलीना जीत सकती हैं दूसरा मेडल
भारत की महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन पेरिस ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुकी हैं. वे 75 किलो वर्ग में हिस्सा ले रही हैं. क्वार्टर फाइनल में उनका मुकाबला चीन की ली कियान से है. लवलीना को इस मुकाबले में जीत का दावेदार माना जा रहा है. अगर वे जीतीं तो मेडल पक्का हो जाएगा. लवलीना टोक्यो ओलंपिक में 69 किलो ग्राम में ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

6. कुश्ती से भी मेडल की उम्मीद
भारतीय पहलवान विश्व स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं. पेरिस ओलंपिक में कुश्ती के मुकाबले 5 अगस्त से शुरू हो रहे हैं. 5 अगस्त को निशा दहिया मैट पर उतरेंगी. 6 अगस्त को विनेश फोगाट का मुकाबला है, जो पिछले दिनों जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए चर्चा में रहीं. 7 अगस्त को अंतिम पंघाल और 8 अगस्त को अमन सहरावत और अंशु मलिक मुकाबले में होंगे. 10 अगस्त को रीतिका हुड्डा का मुकाबला है.

7. शूटिंग में आ सकता है एक और मेडल
शूटिंग में भारत तीन मेडल जीत चुका है और अगर चौथा मेडल भी आ जाए तो बिलकुल भी हैरान मत होइएगा. भारत की महेश्वरी चौहान महिलाओं की स्कीट शूटिंग में फाइनल में पहुंचने के करीब हैं. पहले दिन शनिवार को वे क्वालिफिकेशन राउंड में आठवें नंबर पर थीं. टॉप-6 शूटर फाइनल खेलते हैं. रैपिड फायर पिस्टल में विजयवीर सिद्धू, अनीश भानवाला के मुकाबले बाकी हैं. स्कीट शूटिंग में मिक्स्ड टीम इवेंट भी होने हैं.

डार्क हॉर्स भी आते हैं सामने
ओलंपिक में हर बार एक-दो डार्क हॉर्स सामने आते हैं. इसलिए अगर कोई ऐसा खिलाड़ी मेडल जीत लाए, जिसका नाम ऊपर नहीं लिया गया है तो हैरान नहीं होना चाहिए. इसी तरह कई बार मेडल के दावेदार उस खास दिन में रंग में नहीं दिखते, जब इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है. यही तो खेल है. हमने जिन भारतीय दावेदारों की बात की है, संभव है उनमें से एक या दो मेडल ना जीत पाएं लेकिन इनकी भरपाई डार्क हॉर्स कर सकते हैं. उम्मीद है इस बार कम से कम 8 मेडल जरूर जीतेगा. अगर दावेदार उम्मीद पर खरे उतरे तो मेडल की संख्या 10 भी पहुंच सकती है.