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फटाफट लोन और खटाखट पैसा अब नहीं मिलेगा! फर्जी डिजिटल लैंडिंग ऐप्स पर RBI का शिकंजा

आरबीआई ने आज अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में डिजिटल ऐप लोन को लेकर बड़ा ऐलान किया है. रिजर्व बैंक ने फर्जी डिजिटल लैंडिंग प्लेटफॉर्म से निपटने के लिए पब्लिक रेपोस्टरी बनाने का प्रस्ताव रखा है. यह नियामक संस्था डिजिटल लोन ऐप्स की बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए इस नियामक संस्था को अपनी रिपोर्ट आरबीआई को देनी होगी.

इसके अतिरिक्त, UPI-बेस्ड टैक्स पेमेंट के लिए लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति लेनदेन कर दी गई है. इसके अलावा, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि होमलोन कंपनियां नियमों की अनदेखी कर रही हैं और ऐसी स्थिति में इन नियमों का उल्लंघन रोकना जरूरी है.

भारत का फाइनेंशियल मार्केट मजबूत
मॉनेटरी पॉलिसी में आरबीआई गवर्नर ने देश के फाइनेंशियल सेक्टर को मजबूत बताया. उन्होंने कहा कि देश का वित्तीय बाजार स्थिर है. हालांकि, फिर भी उन्होंने बैंकों और एनबीएफसी को और बेहतर सुधार के लिए नए उपायों को बनाने की सलाह दी.
डिपॉजिट पर ध्यान दें बैंक

वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों से अपनी बचत योजनाओं में डिपॉजिट को और बढ़ाने के लिए नई रणनीतियों को अपनाने को कहा है. उन्होंने कहा कि निवेशकों के पास इन्वेस्टमेंट के अन्य विकल्प होने से वे बैंकों में पैसा जमा नहीं कर रहे हैं. ऐसे में बैंकों के लिए डिपॉजिट को सिक्योर करना चुनौतीपूर्ण बन गया है. ऐसी स्थिति में बैंकों के सामने लिक्विडिटी से जुड़ी परेशानियां पैदा हो सकती हैं.