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शेख हसीना के आईना घर में फंस गए बांग्लादेश के सैन्य अफसर, युनूस सरकार के नए फैसले से सेना भी परेशान

बांग्लादेश में नई सरकार के एक फैसले के खिलाफ सेना में ही दो गुट बन गए हैं. दरअसल नई सरकार की तरफ से बांग्लादेशी सेना के आठ बड़े अधिकारियों को गिरफ्तार करने का दबाव बनाया जा रहा है, जिसे लेकर सेना के कुछ अधिकारियों में नाराजगी दिख रही है.

दरअसल शेख हसीना की मुखालफत करने वाले तमाम लोग चाहते हैं कि शेख हसीना और उनके करीबी अधिकारियों के खिलाफ किसी न किसी मामले में मुकदमा चलाया जाए और उन्हें जेल भेजा जाए. इसके तहत वे गुप्त हिरासत केंद्र की देखरेख के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को गिरफ्तार करने का दबाव बना रहे हैं. आलम यह है कि इन अधिकारियों की कार्रवाई के चलते सैकड़ों लोग रहस्यात्मक तरीके से गायब हो गए. जो लोग छूट कर आए हैं वह इन अधिकारियों की कथित बर्बरता के ऐसे किस्से सुना रहे हैं, जिसे लेकर वर्तमान सरकार पर इन अधिकारियों की गिरफ्तारी का दबाव बढ़ता जा रहा है.

आईना घर के जिम्मेदार अफसरों पर गिरेजी गाज!
दरअसल बांग्लादेश की अंतरिम सरकार कुख्यात आईना घर के नाम से मशहूर गुप्त हिरासत केंद्र की देखरेख के लिए जिम्मेदार बांग्लादेशी सेना के आठ बड़े अधिकारियों को गिरफ्तार करने का दबाव बना रही है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस कुख्यात गुप्त हिरासत केंद्र की जिम्मेदारी एक मेजर जनरल और एक ब्रिगेडियर जनरल अधिकारी के हाथ में होती थी.

साल 2013 से 2017 तक मेजर जनरल मोहम्मद अकबर हुसैन 2017 से 2020 तक मेजर जनरल मोहम्मद सैफुल 2020-21 में मेरे जनरल मोहम्मद सैफुल आलम और 2021 से शेख हसीना के हटने तक मेजर जनरल अहमद तबरेज चौधरी के हाथ में कमान थी. इन चारों के नीचे एक-एक ब्रिगेडियर जनरल भी तैनात था.

बस सरकार का मान रहे थे ऑर्डर
इन अधिकारियों की गिरफ्तारी को लेकर अब सेना में दो गुट बन गए हैं. इनमें से एक गुट का कहना है कि इन अधिकारियों ने जो कुछ भी किया वह सरकार के कहने पर किया. इसकी क्या गारंटी है कि अब जो हुक्म दिया जाएगा, उसका पालन करने पर आने वाली निर्वाचित नई सरकार इसके लिए उन्हें दंडित नहीं करेगी लिहाजा किसी भी सैन्य अधिकारी की गिरफ्तारी न की जाए.

फिलहाल सेना में उभरे विरोध के चलते इन अधिकारियों की गिरफ्तारी क्षणिक तौर पर टल गई है, लेकिन आने वाले दिनों में इनकी गिरफ्तारी हो सकती है. ध्यान रहे कि नई सरकार के इशारे पर शेख हसीना के एक करीबी वरिष्ठ सैन्य अधिकारी को शेख हसीना के देश छोड़ने के फौरन बाद सेना से निकाल दिया गया था और उन्हें विदेश जाने से पहले गिरफ्तार कर लिया गया था जो इन दोनों सेना की हिरासत में हैं.