देश

क्या आपको ITR भरने के 10 दिनों के अंदर मिला रिफंड? या अभी भी कर रहे हैं इंतजार

टैक्सपेयर्स के बैंक अकाउंट में इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) की रकम आनी शुरू हो गई है. वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने हाल ही में संसद में कहा था कि टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Returns) दाखिल करने के 10 दिनों के भीतर रिफंड मिल रहा है. हालांकि यह कुछ मामलों में सच है, लेकिन यह सभी आईटीआर के निपटान पर लागू नहीं होता है. रिफंड हासिल करने की स्पीड कई फैक्टर्स के आधार पर अलग-अलग होती है, जैसे कि दाखिल किए गए आईटीआर फॉर्म का टाइप, ट्रांजैक्शन की जटिलता और फाइलिंग करने का समय. उदाहरण के लिए, अगर रिटर्न डेडलाइन के करीब दाखिल किया गया था, तो रिफंड मिलने में देरी हो सकती है.

सीतारमण ने कहा कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) को प्रोसेस करने का औसत समय वित्त वर्ष 2013-14 में 93 दिनों से घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में केवल 10 दिन रह गया है. उन्होंने ऐसे उदाहरणों दिया जहां कुछ टैक्सपेयर्स को 7 दिनों के भीतर अपना टैक्स रिफंड मिला है, जो प्रोसेसिंग टाइम में अहम सुधारों को दिखाता है.

2013-14 में लगते थे 93 दिन
वित्त मंत्री ने कहा, “इनकम टैक्स रिफंड एक ऐसी चीज है जिस पर सीबीडीटी व्यवस्थित तरीके से काम कर रहा है और हमने पिछले 3 सालों में अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार किया है. रिटर्न का औसत प्रोसेसिंग टाइम 2013-14 में 93 दिनों से घटकर 2023-24 में 10 दिन हो गया है.”

सभी ITR 10 दिनों में प्रोसेस नहीं हो रहे
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पिछले कुछ सालों में, विशेष रूप से पिछले 3 सालों में टैक्स रिफंड की स्पीड में काफी सुधार हुआ है. हालांकि, यह दावा कि रिफंड 10 दिनों के भीतर प्रोसेस हो जाता है, सभी मामलों के लिए सटीक नहीं है. आईटीआर फॉर्म की जटिलता प्रोसेसिंग टाइम में अहम भूमिका निभाती है.

टैक्सपेयर्स के बैंक अकाउंट में इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) की रकम आनी शुरू हो गई है. वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने हाल ही में संसद में कहा था कि टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Returns) दाखिल करने के 10 दिनों के भीतर रिफंड मिल रहा है. हालांकि यह कुछ मामलों में सच है, लेकिन यह सभी आईटीआर के निपटान पर लागू नहीं होता है. रिफंड हासिल करने की स्पीड कई फैक्टर्स के आधार पर अलग-अलग होती है, जैसे कि दाखिल किए गए आईटीआर फॉर्म का टाइप, ट्रांजैक्शन की जटिलता और फाइलिंग करने का समय. उदाहरण के लिए, अगर रिटर्न डेडलाइन के करीब दाखिल किया गया था, तो रिफंड मिलने में देरी हो सकती है.

सीतारमण ने कहा कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) को प्रोसेस करने का औसत समय वित्त वर्ष 2013-14 में 93 दिनों से घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में केवल 10 दिन रह गया है. उन्होंने ऐसे उदाहरणों दिया जहां कुछ टैक्सपेयर्स को 7 दिनों के भीतर अपना टैक्स रिफंड मिला है, जो प्रोसेसिंग टाइम में अहम सुधारों को दिखाता है.

2013-14 में लगते थे 93 दिन
वित्त मंत्री ने कहा, “इनकम टैक्स रिफंड एक ऐसी चीज है जिस पर सीबीडीटी व्यवस्थित तरीके से काम कर रहा है और हमने पिछले 3 सालों में अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार किया है. रिटर्न का औसत प्रोसेसिंग टाइम 2013-14 में 93 दिनों से घटकर 2023-24 में 10 दिन हो गया है.”

सभी ITR 10 दिनों में प्रोसेस नहीं हो रहे
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पिछले कुछ सालों में, विशेष रूप से पिछले 3 सालों में टैक्स रिफंड की स्पीड में काफी सुधार हुआ है. हालांकि, यह दावा कि रिफंड 10 दिनों के भीतर प्रोसेस हो जाता है, सभी मामलों के लिए सटीक नहीं है. आईटीआर फॉर्म की जटिलता प्रोसेसिंग टाइम में अहम भूमिका निभाती है.