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दुनिया की दुकान बनने से दूर दिख रहा भारत, निर्यात में आई गिरावट, व्यापार घाटा हुआ 23.5 अरब डॉलर

भारत का वस्तुओं का निर्यात जुलाई में सालाना आधार पर 1.2 प्रतिशत घटकर 33.98 अरब डॉलर रहा है. एक साल पहले इसी महीने में यह आंकड़ा 34.39 अरब डॉलर था. बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. देश का आयात जुलाई में लगभग 7.45 प्रतिशत बढ़कर 57.48 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी महीने में 53.49 अरब डॉलर था. आंकड़ों के अनुसार, व्यापार घाटा जुलाई में 23.5 अरब डॉलर रहा है.

आयात और निर्यात के अंतर को व्यापार घाटा कहते हैं. वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने आंकड़े जारी करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि मौजूदा रुझानों को देखने से पता चलता है कि देश का कुल माल एवं सेवा निर्यात पिछले साल के आंकड़े को पार कर जाएगा. देश का वस्तु निर्यात जून में 2.56 प्रतिशत बढ़कर 35.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. हालांकि, इस दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 20.98 अरब डॉलर हो गया था. चालू वित्त वर्ष (2024-25) के पहले चार माह (अप्रैल-जुलाई) में निर्यात 4.15 प्रतिशत बढ़कर 144.12 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जबकि आयात 7.57 प्रतिशत बढ़कर 229.7 अरब डॉलर रहा है.

थोक महंगाई घटी
देश की थोक महंगाई दर भी जुलाई में घटकर 2.04 प्रतिशत रह गयी. बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जून में 3.36 प्रतिशत थी. उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक खाते पर लिखा, ‘‘डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जुलाई 2024 में 2.04 प्रतिशत रही, जबकि जून 2024 में यह 3.36 प्रतिशत थी.’’

ईंधन तथा बिजली की मुद्रास्फीति की वार्षिक दर बढ़कर 1.72 प्रतिशत हो गई, जो जून 2024 में 1.03 प्रतिशत थी. डीपीआईआईटी के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक के निर्मित उत्पाद की मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जून 2024 में 1.43 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई 2024 में 1.58 प्रतिशत हो गई. थोक मूल्य सूचकांक में जुलाई में गिरावट इस महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुरूप रही. इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति पांच साल के निचले स्तर 3.54 प्रतिशत पर आ गई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है. आरबीआई ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था.