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महाशातिर और ठग भी नहीं कर पाएंगे होशियारी, चेक से होने वाले फ्रॉड के चांस जीरो कर देता है ये सिस्टम

आप भी अगर उन लोगों में हैं, जो आमतौर पर हाई वैल्‍यू के चेक जारी करते हैं तो आपको भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लागू पॉजिटिव पे सिस्‍टम का इस्‍तेमाल करना चाहिए. 50 हजार रुपये या इससे ज्‍यादा मूल्‍य के काटे गए चेक के लिए आप पीपीएस का इस्‍तेमाल कर सकते हैं. चेक-आधारित लेनदेन की सुरक्षा बढ़ाने और धोखाधड़ी के जोखिम को कम करने में यह बहुत काम आता है.

पॉजिटिव पे सिस्टम का इस्तेमाल अनिवार्य नहीं है. हालांकि, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे कुछ बैंकों ने 50,000 रुपये और उससे ज़्यादा के चेक के लिए इस पॉजिटिव पे कन्फ़र्मेशन को अनिवार्य किया हुआ है.

क्‍या है पॉजिटिव पे सिस्‍टम
देश के बैंक अपने यहां पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) लागू कर चुके हैं. आरबीआई ने 01.01.2021 से पॉजिटिव पे सिस्टम को लागू करने के लिए बैंकों के लिए एक गाइलाइंस जारी किया था. दरअसल, पॉजिटिव पे सिस्टम भारतीय नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन (NPCI) की ओर से बनाया गया एक मेकैनिज्म है, जिसके लिए ग्राहकों को उनके द्वारा जारी किए जा रहे चेक की जानकारी उस बैंक को देनी होती है, जिस बैंक के अकाउंट से पैसे कटने हैं.

इस जानकारी में ग्राहक बैंक को चेक नंबर, तारीख और राशि का विवरण उपलब्‍ध कराता है. जब ग्राहक द्वारा जारी किया गया चेक क्लियरेंस के लिए आता है तो बैंक पहले से भेजी गई जानकारी से चेक के महत्वपूर्ण विवरणों की पुष्टि करता है. यदि चेक में दिए गए विवरण ग्राहक द्वारा उपलब्‍ध कराई गई जानकारी से मेल खाते हैं तो भुगतान कर दिया जाता है, अन्‍यथा चेक वापस भेज दिया जाता है.

कम से कम एक दिन पहले दें जानकारी
पॉजिटिव पे सिस्‍टम के तहत चेक जारी करने वाला व्‍यक्ति एसएमएस, मोबाइल ऐप, नेट बैंकिंग या एटीएम से बैंक को चेक की डिटेल की जानकारी दे सकता है. आमतौर पर ये विवरण चेक प्रस्तुत करने से एक दिन पहले बैंक को किए जाते हैं ताकि भुगतान प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके. विवरण प्राप्त होने पर, बैंक भुगतान संसाधित करने से पहले प्रस्तुत चेक के साथ उनका सत्यापन करता है.

पॉजिटिव पे सिस्टम के फायदे
पॉजिटिव पे सिस्‍टम चेक धोखाधड़ी को को रोकने का एक कारगर हथियार है. चेक डिटेल को वेरिफाइ करके, यह नकली चेक के जोखिम को कम करता है. इससे आपकी चेक पेमेंट में सुरक्षा और ज्यादा बढ़ जाती है. इसका एक फायदा यह भी है कि चेक रिटर्न होने की की संभावना भी काफी कम हो जाती है.