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शिक्षा मंत्रालय का स्कूलों को निर्देश, लागू करें यह गाइडलाइंस, जानें तमाम डिटेल

शिक्षा मंत्रालय (Ministry Of Education) स्कूली छात्रों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है. इसके लिए मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए “स्कूल सेफ्टी और सिक्योरिटी पर गाइडलाइन-2021” को लागू करने का निर्देश जारी किया है. यह कदम रिट याचिका (आपराधिक) संख्या 136/2017 और (सिविल) संख्या 874/2017 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करता है.

यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के साथ संरेखित दिशा-निर्देश, सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट के लिए स्पष्ट जवाबदेही स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. प्रमुख पहलुओं में प्रीवेंटिव एजुकेशन, रिपोर्टिंग प्रक्रिया, लीगल प्रोविजन, सहायता सेवाएं और सीखने के लिए अनुकूल सुरक्षित वातावरण का निर्माण शामिल है. मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपने अधिकार क्षेत्र में इन गाइडलाइन्स की अधिसूचना स्थिति पर अपडेट प्रदान करने का अनुरोध किया है.

गाइडलाइन को 1 अक्टूबर, 2021 को जारी किए गए थे. जारी किए गए एडवाइजरी राज्यों को स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार उन्हें तैयार करने की फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करते हैं. वे बाल सुरक्षा के संबंध में लापरवाही के प्रति ‘शून्य सहनशीलता नीति’ पर जोर देते हैं. इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास के लिए एक सुरक्षित और संरक्षित स्कूल वातावरण के सह-निर्माण की आवश्यकता पर छात्रों और अभिभावकों सहित सभी हितधारकों के बीच समझ पैदा करना और सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं यानी शारीरिक, सामाजिक-भावनात्मक, संज्ञानात्मक और प्राकृतिक आपदाओं के लिए पहले से उपलब्ध अधिनियमों, नीतियों, प्रक्रियाओं और दिशा-निर्देशों के बारे में विभिन्न हितधारकों को जागरूक करना है.

गाइडलाइन विभिन्न हितधारकों को सशक्त बनाने और इस दिशा-निर्देश के कार्यान्वयन में उनकी भूमिका पर स्पष्टता सक्षम करने के लिए बनाए गए हैं. इसका उद्देश्य स्कूलों में बच्चों को सुरक्षित रखने (बच्चों को स्कूल आने-जाने, स्कूल जाने या स्कूल परिवहन में अपने घर वापस जाने के दौरान भी) के लिए स्कूल मैनेजमेंट और निजी/गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रधानाचार्यों और शिक्षकों और सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के मामले में स्कूल के प्रमुख/प्रभारी प्रमुख, शिक्षकों और शिक्षा प्रशासन पर जवाबदेही तय करना है.