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चीन तो केवल धमकी देता है, अटैक करने की ह‍िम्‍मत नहीं, एक छोटे से देश ने कर दी ज‍िनप‍िंग की हवा टाइट

दुनिया की शीर्ष महाशक्तियों में से एक चीन अक्‍सर पड़ोसी देश ताइवान पर अपना अधिकार जताता रहता है. साम्‍यवादी चीन का मानना है कि ताइवान उसका हिस्‍सा है और उसे ताइपे को बीजिंग के अधीन लाने का पूरा अधिकार है. चीन के इस दावे से उलट ताइवान खुद को स्‍वतंत्र देश मानता है और ऐसे किसी भी क्‍लेम को सिरे से खारिज करता है. अमेरिका के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन बीजिंग के दौरे पर हैं. इस दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने दावे को दोहराते हुए यहां तक कहा कि अमेरिका को ताइवान का चीन में शांतिपूर्ण विलय को स्‍वीकार करते हुए उसका समर्थन करना चाहिए. अब ताइवान ने एक बार फिर से अपना पक्ष रखते हुए बड़ी बात कही है. ताइवान का कहना है कि चीन केवल धमकी देता है. उसमें अटैक करने की हिम्‍मत नहीं है. यह एक तरह से चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग को खुली चुनौती है.

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन के पास ताइपे पर फुल स्‍केल अटैक करने की क्षमता नहीं है, क्योंकि उसके पास इसके लिए पर्याप्‍त संसाधान नहीं हैं. रक्षा मंत्रालय ने आगे कहा कि इसलिए पड़ोसी देश उन्नत हथियार जुटा रहा है. डिफेंस मिनिस्‍ट्री ने आगे कहा कि चीन के पास ताइवान को धमकाने के लिए अन्य विकल्प भी हैं. गौरतलब है कि चीन लोकतांत्रिक ताइवान को अपना हिस्‍सा मानता है. बीजिंग ने इस दावे को और बल देने के लिए पिछले पांच वर्षों में अपने दावों को पुख्ता करने के लिए सैन्य और राजनीतिक दबाव बढ़ा दिया है. दूसरी तरफ, ताइवान चीन के इस दावे को हर मंच और हर मौके पर पूरी दृढ़ता से खारिज करता रहा है.

चीन-ताइवान के दरकते रिश्‍ते
दरअसल, ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन की ओर से पैदा खतरे का आकलन (China Threat Assessment) किया गया है. इसकी कॉपी ताइवान के हर सांसद को भेजी गई है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि चीन लगातार अपनी ताकत को बढ़ा रहा है. इस रणनीति के तहत बीजिंग की तरफ से ज्‍वाइंट कमांड ऑपरेशन जैसे कदम उठाए जा रहे हैं. इस पेपर में आगे कहा गया है कि ताइवान स्‍ट्रेट की भौगोलिक स्थिति की वजह से चीन के पास काफी सीमित क्षमताएं हैं. चीन अभी भी ताइवान के साथ युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है और न ही बीजिंग के पास इसके लिए पर्याप्‍त क्षमताएं हैं.

‘चीन लगातार जुटा रहा हथियार’
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन एच-20 बॉम्‍बर प्‍लेन और हाइपरसोनिक मिसाइलों जैसे कई नए हथियारों के विकास में तेजी ला रहा है. साथ ही न्‍यूक्लियर वीपन की संख्‍या भी बढ़ा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मई में जब लाई चिंग-ते के नए राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के तत्‍काल बाद चीन ने ताइवान के निकटवर्ती इलाकों में युद्ध अभ्यास किया, तो चीनी कोस्‍ट गार्ड के वॉरशिप को पहली बार पूर्वी तट पर एक्‍सरसाइज के लिए भेजा गया था. मंत्रालय ने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य बाहरी दुनिया के साथ संपर्क तोड़ना और ताइवान की नाकेबंदी करना था.