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जयपुर में ढहाई जाएंगी 150 इमारतें, हेरिटेज नगर निगम ने पूरी की तैयारी, जानें क्या हो गया ऐसा

जयपुर. राजधानी जयपुर में इस साल बरसात के सभी रिकॉर्ड टूटने के बाद अब पुरानी जर्जर इमारत धराशाई होना शुरू हो गई हैं. तेज बारिश के बाद हादसों को टालने के लिए नगर निगम ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इसके तहत जयपुर हेरिटेज क्षेत्र में आने वाली करीब डेढ़ सौ पुरानी जर्जर इमारतों को लेकर एक रिपोर्ट पेश की गई है. उसके बाद निगम ने ऐसी इमारतों को गिराना शुरू कर दिया है जो लोगों के लिए खतरा बन सकती हैं.

राजधानी जयपुर समेत पूरे प्रदेश और इस साल मानसून का जबर्दस्त असर देखने को मिला है. जयपुर में बरसात का कई बरसों का रिकॉर्ड टूटने के बाद हेरिटेज नगर निगम जर्जर इमारतों को लेकर बेहद गंभीर हो गया है. नगर निगम को मिली रिपोर्ट के मुताबिक पिंकसिटी में ऐसी बहुत सी इमारतें हैं जो लोगों की जान के लिए खतरा बन चुकी हैं. निगम ने जोन वाइज ऐसी इमारातों को इनकी जर्जर अवस्था की स्थिति और आसपास आबादी को होने वाले खतरे के आधार पर गिराना शुरू कर दिया है.

जयपुर की बसावट सन् 1727 की है
इसको लेकर हेरिटेज नगर निगम के आयुक्त अभिषेक सुराणा ने सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी किए हैं. अधिकारियों को कहा गया है कि वे जर्जर इमरारतों को लेकर पेश की गई रिपोर्ट पर प्रथामिकता के आधार पर तुरंत कार्रवाई करें. राजधानी जयपुर की बसावट सन् 1727 की है. ऐसे में यहां हेरिटेज इलाके के चारीदवारी में मौजूद बहुत सी इमारतें ढाई सौ से लेकर 297 साल तक पुरानी हैं.

50 इमारतें अति संवेदनशील मानी गई है
इस बार की तेज बरसात में जर्जर इमारतों को काफी नुकसान हुआ है. चारदीवारी इलाके में संकरे रास्तों में घनी आबादी बस्तियां हैं. वहां इमारतों के गिरने पर काफी जनहानि हो सकती है. इसीलिए पहले निगम ने तीन दिन सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की है. उस सर्वे के मुताबिक चिन्हित की गई 300 में से 150 इमारतों को संवेदनशील चिन्हित कर नोटिस दे दिया गया है. उनमें से तीन इमारतों को गिरा भी दिया गया है. इनमें शामिल 50 अति संवेदनशील इमारतों को गिराने के लिए प्राथमिकता के आधार पर निगम जोन वाइज काम शुरू कर रहा है.

मामला लोगों की सुरक्षा से जुड़ा है
निगम के अधिकारियों के अनुसार जो लोग खुद अपने भवन नहीं गिराएंगे उनको निगम उनसे पैसे वसूल कर गिराएगा. इस मामले को लेकर नगर निगम हेरिटेज आयुक्त अभिषेक सुराणा ने बताया कि ये मामला लोगों की सुरक्षा से जुड़ा है. इसमें नियमानुसार राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी.