भारत में हमें लगभग हर चीज के लिए जीएसटी (GST) चुकाना होता है. यह दर 5 से लेकर 28 फीसदी तक हो सकती है. लग्जरी आइटम जैसे कि कार, सोडा इत्यादि के लिए 28 फीसदी जीएसटी लगता है, जबकि ताजा सब्जी, फल, दूध इत्यादी चीजें जीएसटी के दायरे से बाहर हैं. 5 अलग-अलग स्लैब होने की वजह से कई कन्फ्यूजन भी होते हैं. किस चीज पर कितना जीएसटी लगेगा, इस बारे में लोगों को बहुत जानकारी नहीं है. सोचिए, अगर केवल एक या दो ही स्लैब हों, तो टैक्स सिस्टम कितना आसान हो जाए. भारत में 5 अलग-अलग स्लैब हैं, मगर दुनिया के कई देशों में केवल एक या दो ही स्लैब हैं. इस खबर में हम जानेंगे कि किन देशों में जीएसटी या वैट काफी सरल है. भारत में अलग-अलग चीजों पर लगने वाली दरों के बारे में भी विस्तार से बताएंगे.
जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) एक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली (Indirect Tax System) है, जिसे भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया. इसे लागू करने का उद्देश्य विभिन्न केंद्रीय और राज्य के टैक्स को एकीकृत करना था, ताकि पूरे देश में एक समान टैक्स सिस्टम हो और बिजनेस का प्रोसेस आसान हो जाए. इससे पहले वस्तुओं और सेवाओं (Goods and Services) पर अलग-अलग कर लगाए जाते थे, जिससे सिस्टम जटिल हो जाता था. जीएसटी से यह जटिलता खत्म हुई और कारोबार सुगम बना. जीएसटी के तहत, वस्तुओं और सेवाओं पर 0%, 5%, 12%, 18% और 28% के पांच कर स्लैब निर्धारित किए गए हैं.
किन देशों में काफी सरल है GST सिस्टम
जीएसटी किसी भी देश की आर्थिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यही वजह है कि बहुत सारे देशों ने इस सिस्टम को अपनाया है. कई देशों में इसे वैट (VAT) के तौर पर भी जाना जाता है. लेकिन इसका तरीका जीएसटी की तरह ही होता है. सिंगापुर, न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूएई जैसे नामी देशों में भी जीएसटी लगता है. मगर इन देशों में एक या दो ही टैक्स स्लैब हैं.
सिंगापुर (1 स्लैब: 8%) : सिंगापुर में सिर्फ एक ही जीएसटी स्लैब है, जो 8% है. हालांकि, ज़रूरी चीज़ें जैसे कि ग्रोसरी, मेडिकल सर्विसेज, और एजुकेशन सर्विसेज पर कोई जीएसटी नहीं लगता.लग्जरी आइटम्स और अन्य सभी वस्तुओं पर 8% जीएसटी लागू होता है. आपको एक टिफिन बॉक्स खरीदना हो ता फिर महंगी कार, केवल 8 फीसदी के हिसाब से ही टैक्स देना होगा. सिंगापुर का यह सिस्टम टैक्स प्रणाली को बेहद आसान और प्रभावी बनाता है.
न्यूज़ीलैंड (1 स्लैब: 15%) : न्यूज़ीलैंड में जीएसटी 15% है और इसमें कोई छूट नहीं है. इसका मतलब यह है कि चाहे आप किराने का सामान खरीदें या फिर महंगी गाड़ियां, हर चीज़ पर 15% जीएसटी लागू होता है. यहां किसी भी चीज़ पर जीएसटी से मुक्त स्लैब नहीं है.
ऑस्ट्रेलिया (1 स्लैब: 10%) : ऑस्ट्रेलिया में भी एकल जीएसटी स्लैब है, जो 10% है. लेकिन कुछ आवश्यक वस्तुओं जैसे ताज़ा भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा पर जीएसटी नहीं लगता. अन्य सभी वस्तुओं, चाहे वह साधारण हो या लग्जरी, पर 10% का टैक्स लगता है.
कनाडा (2 स्लैब्स: 5% और 13-15%) : कनाडा में दो टैक्स स्लैब हैं. 5 प्रतिशत और 13-15 प्रतिशत तक. 5% का स्लैब फेडरल जीएसटी के रूप में लागू होता है, जबकि 13-15 प्रतिशता का स्लैब प्रांतीय स्तर पर लागू होने वाले HST के रूप में कार्य करता है. खाद्य पदार्थों और बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं पर जीएसटी नहीं लगता, जबकि लग्जरी सामानों पर 15% तक टैक्स लागू होता है.
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) (1 स्लैब: 5%) : यूएई में 5 प्रतिशत का वेट सिस्टम लागू है. कुछ आवश्यक वस्तुएं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और कुछ सरकारी सेवाएं जीएसटी से मुक्त हैं. हालांकि, लग्जरी वस्तुएं और उच्च-मूल्य वाले सामानों पर 5% वेट लागू होता है.
भारत में जीएसटी स्लैब –
0% जीएसटी (शून्य-रेटेड या छूट वाली श्रेणी): इस स्लैब में आवश्यक वस्तुएं जैसे ताज़ी सब्ज़ियां, फल, दूध, दही, किताबें, और स्वास्थ्य व शिक्षा सेवाएं आती हैं. इस पर कोई टैक्स नहीं लगता.
5% जीएसटी: यह स्लैब उन वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होता है जो आवश्यक तो हैं, लेकिन जिन पर थोड़ा-सा टैक्स लगाया गया है. पैकेज्ड फूड आइटम्स, ₹1,000 से कम के जूते, और सस्ते कपड़े इस श्रेणी में आते हैं. रेलवे यात्रा और इकोनॉमी-क्लास फ्लाइट टिकट भी इस स्लैब में आते हैं.
12% जीएसटी: यह स्लैब मिड-रेंज वस्तुओं पर लागू होता है, जो कुछ हद तक आवश्यक और कुछ हद तक लग्जरी होती हैं. प्रोसेस्ड फूड्स, बेसिक उपकरण जैसे कूलर और गीजर, और 1,000 से 7,500 रुपये तक के होटल इस श्रेणी में आते हैं.
18% जीएसटी: यह स्लैब अधिकांश उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होता है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे लैपटॉप, कंप्यूटर, हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, और नॉन-एसी रेस्तरां सेवाएं आती हैं.
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