भारतीय शतरंज प्रेमियों के लिए आज का दिन सुपर संडे रहा. ग्रैंडमास्टर डी गुकेश और अर्जुन एरिगेसी ने स्लोवेनिया के खिलाफ अपने अपने मैच जीत लिए जिससे भारत ने इतिहास रचते हुए 45वें शतरंज ओलंपियाड में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता. ग्रैंडमास्टर और विश्व चैम्पियनशिप चैलेंजर गुकेश ने व्लादिमीर फेडोसीव को हराया जबकि एरिगेसी ने जान सुबेलज को शिकस्त दी. 2022 में भारतीय पुरुष टीम ने शतरंज ओलंपियाड में ब्रॉन्ज मेडल जीता था जबकि 2014 में भी वह तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पर कब्जा किया था.
इससे पहले, डी गुकेश ने अमेरिका के फैबियानो कारूआना को हराकर ओपन वर्ग में भारतीय टीम को स्वर्ण पदक विजेता बनाने के बेहद करीब पहुंचा दिया था. इस साल नवंबर में सिंगापुर में अगला विश्व चैंपियनशिप मैच खेलने के लिए तैयार गुकेश ने शीर्ष वरीयता प्राप्त टीमों के खिलाफ अपनी शानदार कौशल का प्रदर्शन जारी रखते हुए एक और कठिन मुकाबले में अपने से बेहतर रैंकिंग वाले कारूआना को एक दिन पहले शिकस्त दी थी.
गुकेश की यह जीत बेहद खास थी क्योंकि इससे वेस्ले सो ने आर प्रज्ञानानंदा को हराकर अमेरिका को शुरुआती बढ़त दिलाई थी. अमेरिका की इस बढ़त के बावजूद भारतीय टीम कभी भी इस मुकाबले को गंवाने की स्थिति में नहीं थी क्योंकि अर्जुन एरिगैसी ने लेनियर डोमिंग्वेज पेरेज पर शिकंजा कस रखा था. अर्जुन लगभग पांच घंटे के मैराथन मुकाबले को जीतने में सफल रहे तो वही विदित गुजराती लेवोन अरोनियन को ड्रॉ पर रोकने में सफल रहे थे. ओपन वर्ग में भारत 19 अंक लेकर चीन पर दो अंक की बढ़त के साथ तालिका में शीर्ष पर था.
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