विदेश

बांग्लादेश के लिए बुरी खबर, गरीबी में पहले से गीला था अर्थव्यवस्था का आटा, ऊपर से अब ADB ने और पानी डाला

ढाका. बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना के सत्ता छोड़ने और देश से भागने के बाद इस मुल्क के लिए लगातार बुरी खबरें आ रही हैं. इसी कड़ी में एशियाई विकास बैंक (ADB) ने बांग्लादेश की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है. इसका मुख्य कारण देश में जुलाई-अगस्त में राजनीतिक अशांति के कारण आपूर्ति में आई बाधा है. मीडिया की एक खबर में यह जानकारी दी गई. समाचार पत्र ‘द डेली स्टार’ की खबर के अनुसार, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने पहले अनुमान लगाया था कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए दक्षिण एशियाई देश में वस्तुओं तथा सेवाओं का समग्र उत्पादन 6.6 प्रतिशत बढ़ेगा.

मनीला स्थित बहुपक्षीय ऋणदाता ने कहा कि उसने हिंसक विरोध प्रदर्शनों तथा हाल में आई बाढ़ के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया है.

ADB को इस बात का डर

एडीबी ने कहा कि राजकोषीय और मौद्रिक नीतियां कड़ी बनी रहने के आसार हैं, जिससे उपभोग तथा निवेश मांग में और कमी आएगी. पूर्वानुमान अत्यधिक अनिश्चित है क्योंकि व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण पर काफी नकारात्मक जोखिम मंडरा रहा है. इसमें कहा गया, ‘‘ ये जोखिम मुख्य रूप से राजनीतिक अस्थिरता, कमजोर कानून-व्यवस्था की स्थिति और वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियों से उत्पन्न होते हैं.’’

एडीबी का नवीनतम पूर्वानुमान विश्व बैंक के जून के अनुमान से कम है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बांग्लादेश की आर्थिक वृद्धि 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था. एडीबी ने पाया कि उच्च मुद्रास्फीति, जटिल वैश्विक मौद्रिक स्थितियों और अन्य व्यापक आर्थिक चुनौतियों के कारण मांग दबी हुई है.

उसने कहा, ‘‘ जिंस व ऊर्जा की उच्च कीमतों और मुद्रा अवमूल्यन के कारण मुद्रास्फीति उच्च बनी हुई है. निर्यात तथा आयात दोनों में गिरावट के कारण चालू खाता घाटा कम हुआ है.’’ संगठन ने मुद्रास्फीति के दोहरे अंक तक बढ़ने का अनुमान भी लगाया है.

व्यापक छात्र विरोध प्रदर्शनों के उग्र होने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देकर देश छोड़ने के लिए मजबूर होने पर नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने आठ अगस्त को अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ ली थी. यूनुस (84) ने हाल ही में न्यायपालिका, चुनाव प्रणाली, प्रशासन, पुलिस, भ्रष्टाचार रोधी आयोग और संविधान में सुधार के लिए छह आयोगों के गठन की घोषणा की है.