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पाताल में 60 फीट नीचे बैठा था हसन नरसल्लाह, फिर इजरायल ने कैसे मार गिराया

लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर इजरायल के ताबड़तोड़ हमले जारी है. इजरायल ने यहां बेरूत में शुक्रवार रात जमकर बमबारी की, जिसमें हिजबुल्लाह चीफ सैय्यद हसन नसरल्लाह की मौत हो गई. रिपोर्ट्स से पता चलता है कि एक ईरानी जासूस ने हमले से कुछ घंटे पहले इजरायली अधिकारियों को उनके ठिकाने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी थी.

फ्रांसीसी अखबार ले पेरिसियन के अनुसार, जासूस ने इजरायली अधिकारियों को बताया कि नसरल्लाह हिजबुल्लाह के अंडरग्राउंड हेडक्वार्टर में शीर्ष कमांडर्स के साथ बैठक करने वाला है. यह खुफिया अलर्ट मिलते ही इजरायली सेना प्लान बनाने में जुट गई और फिर ऐसा सटीक एयरस्ट्राइक किया, जिसमें नसरल्लाह के साथ-साथ हिजबुल्लाह के कई वरिष्ठ अधिकारी मारे गए.

60 फीट नीचे बंकर में छुपा था नसरल्लाह
नसरल्लाह यहां एक रिहायशी इमारत के नीचे 60 फीट से ज्यादा गहराई में बने बंकर में बैठा था. वहां उसके साथ हिजबुल्लाह के कई टॉप कमांडर और ईरानी सेना की शीर्ष जनरल भी बैठा था, जो इजरायल के हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने की प्लानिंग कर रहे थे. हालांकि इसी बीच वहां इजरायली एयरफोर्स ने बम गिराने शुरू कर दिए, जो जमीन को चीरता हुआ घुसा और नरल्लाह की जान ले ली.

नसरल्लाह की लाश पर नहीं कोई निशान
रविवार को हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह का शव बरामद कर लिया गया. इजरायल के एक टेलीविजन चैनल ने बताया कि नसरल्लाह के शरीर पर कोई सीधा घाव नहीं था. ऐसा लगता है कि उसकी मौत विस्फोट की वजह से पहुंचे आघात से हुई होगी या फिर धमाकों के बाद धुएं से उसका दम घुट गया होगा.
खास बम से हिजबुल्लाह का बंकर किया तबाह
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायली सेना ने यहां करीब 80 टन विस्फोटकों का इस्तेमाल किया, जिसमें 85 ‘बंकर-बस्टर’ बम शामिल थे. इन बंकर-बस्टर बमों का वजन 907 से 1,814 किलोग्राम के बीच होता है. इन बमों का डिज़ाइन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विकसित उन्नत तोपखाने, विशेष रूप से रोचलिंग गोले से लिया गया है. ये बंकर बस्टर बम 30 मीटर गहराई तक 6 मीटर मोटे कंक्रीट को भेदने की ताकत रखता है. इनका इस्तेमाल जमीन के नीचे बने बंकरों को भेदने के लिए किया गया था.

टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, इजरायली एयरफोर्स के 69वें स्क्वाड्रन के कमांडर ने पत्रकारों से कहा, ‘हमने जो भी योजना बनाई थी, उसे ठीक से अंजाम दिया गया, खुफिया जानकारी, योजना, विमानों और खुद ऑपरेशन में कोई गड़बड़ी नहीं हुई. सब कुछ सुचारू रूप से चला.’

बेरूत में ताजा हवाई हमले हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायली ऑपरेशन का हिस्सा है, जिसे इसी तरह के अहम सीक्रेट जानकारियों से बल मिला है. द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2006 की जंग के बाद से इजरायल ने हिजबुल्लाह के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने के लिए अपने संसाधनों को झोंक दिया था. उस जंग में इजरायल को निर्णायक जीत तो नहीं मिल पाई थी. हालांकि अब नसरल्लाह की मौत के बाद वह हिजबुल्लाह की कमर तोड़ने में जरूर कामयाब रहा है.