इजरायल और ईरान के बीच सालों से चली आ रही इंतकाम की आग अब विकराल रूप धारण कर लिया है. गाजा, हिजबुल्ला और हूतियों पर हमले से तिलमिलाया ईरान अब इजरायल पर मिसाइल पर मिसाइल दागने लगा है. बीती रात ईरान ने इजरायल पर ताबड़तोड़ 200 से ज्यादा मिसाइलें दाग कर जो तबाही मचाई, उसकी गूंज अमेरिका तक सुनाई दिया. ऐसे में अब अमेरिका की भी नींद उड़ गई है. विदेशी मामलों के जानकार इसे महाप्रलय की आहट बता रहे हैं. ईरान-इजरायल की लड़ाई के जद में सिर्फ दो देशों के नागरिक ही नहीं पूरा गल्फ कंट्री के साथ-साथ दुनिया भी आ सकता है. इससे गल्फ कंट्री में रह रहे 90 लाख भारतीयों के जीवन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
जानकारों की मानें तो अमेरिका अगर इजरायल का साथ नहीं दिया तो इजरायल की हालत पतली हो सकती है. क्योंकि, ज्यादातर मुस्लिम कंट्री इजरायल को बर्बाद करने की कसम खाई है. पिछले कई महीनों से इजरायल हमास, हिजबुल्ला और हूतियों से लड़ते-लड़ते थक गई है. ऐसे में अमेरिका की एंट्री होना तय माना जा रहा है. अगर ईरान-इजरायल में युद्ध लंबा चला तो दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था तो चौपट होगी ही साथ ही रोजी-रोटी और रोजगार के भी संकट आ सकते हैं.
कितना खतरनाक होगा ईरान-इजरायल युद्ध?
ईरान ने साफ कर दिया है कि अगर अमेरिका इजरायल का साथ देता है तो ईरान खाड़ी के देशों में अमेरिकी बेस पर भी हमला करेगा. इसका नतीजा ये होगा कि पूरे गल्फ कंट्री की हालत खराब हो जाएगी. क्योंकि, अमेरिका का ईरान और इराक को छोड़कर गल्फ कंट्री के हर देश में अमेरिकी बेस है. इससे तेल की आपूर्ति बाधित होगी और लोगों के रोजगार और जीवन पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं.
क्या अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करेगा यह युद्ध
आगा आगे कहते हैं, ‘हमारे 90 लाख आदमी खाड़ी के देशों में काम करते हैं. ऐसे में उनकी वापसी के चांस बन रहे हैं. दूसरी बात यह है कि खाड़ी के देशों से हमारा ट्रेड 190 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का है. 90-92 बिलियन तो सिर्फ यूएई के साथ ही है. साथ ही इन खाड़ी देशों से हमारे यहां 70 प्रतिशत तेल की सप्लाई आती है. खाड़ी देशों से भारत में निवेश भी आते हैं. यहां 90 लाख काम करने वाले भारतयी 40 बिलियन डॉलर अपने परिवारों को भेजते हैं. ये हमारी अर्थव्यवस्था नहीं पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर डालेगा. इसलिए भारत चाहता है कि युद्ध न हो. तभी तो भारत की पॉलिसी है अमन शांति. पीएम मोदी ने इजरायल और ईरान दोनों देशों से बात कर युद्ध रोकने की अपील की है. यह काम उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध में भी कर रहे हैं.’
ईरान-इजरायल की दुश्मनी पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती बनने वाली है. जानकारों की मानें तो ईरान का इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के हेडक्वॉर्टर्स को तबाह करना साधारण घटना नहीं है. इजरायल ने भी साफ कर दिया है कि ईरान को बहुत कीमत चुकानी पड़ेगी. ईरान का दावा है कि उसने इस्माइल हानिया और हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत का बदला ले लिया है. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है अमेरिका चुप नहीं बैठेगा. ऐसे में यह लड़ाई गल्फ कंट्री के सभी देश बहरीन, कुवैत, इराक, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात को भी लपेटे में ले सकता है.
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