अमरगढ़ गांव में रहने वाले कुलदीप की है. कुलदीप को कुछ दिनों पहले ही अपने एक दोस्त की मदद से कनाडा में नौकरी के साथ वहां का वीजा मिला था. अपने दोस्त के भरोसे कुलदीप कनाडा जाने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच गया, लेकिन वहां पहुंचने के बाद उसके सामने जो सच्चाई आई, उसको जानने के लिए बाद उसके पैरों तले जमीन खिसक गई.
कुलदीप को इस बात का तो अफसोस था ही कि उसका सपना शुरू होने से पहले ही टूट गया, बल्कि इस बात का खौफ ज्यादा था कि अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उसने बाजार से जो लाखों रुपए उठाए थे, अब उसकी भरपाई कैसे होगी. कुलदीप इस उधेड़बुन में फंसा ही था, तभी उसे हिरासत में लेकर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया. वहीं एयरपोर्ट पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया.
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार जींद के अमरगढ़ गांव का रहने वाला 21 वर्षीय कुलदीप 28 सितंबर की देर शाम आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा था. उसे रात्रि 10:50 पर आईजीआई एयरपोर्ट से जाने वाली एक कनाडा की फ्लाइट AC-43 से टोरंटो के लिए रवाना होना था. ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन की जांच के दौरान पाया गया कि पासपोर्ट के पेज नंबर 14 पर लगा कैनेडियन स्टिकर विजिटर वीजा फर्जी है.
इसके बाद, ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने कुलदीप को हिरासत में लेकर आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं एयरपोर्ट पुलिस ने ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन की शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 (4) / 336 (3) / 340 (2) और 12 पासपोर्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद, कुलदीप से पूछताछ शुरू हुई. पूछताछ में कुलदीप ने कई अहम खुलासे किए.
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