शेयर बाजार में आम निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी ने एक औऱ बड़ा कदम उठाया है. सेबी ने निवेशक सुरक्षा, बाजार पारदर्शिता और निवेशकों के बीच विश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से एक संशोधित ‘इन्वेस्टर चार्टर’ जारी किया. बदलावों के साथ पेश किए गए चार्टर में निवेशक की जानकारी की गोपनीयता सुनिश्चित करने और प्रतिभूति बाजार से संबंधित उत्पादों या सेवाओं से उचित शर्तों पर बाहर निकलने का अधिकार प्रदान करने पर जोर दिया गया है. बाजार नियामक ने एक बयान में कहा, ‘‘इसके अलावा, सेबी ने स्कोर 2.0 और स्मार्ट ऑनलाइन विवाद समाधान के शुभारंभ के साथ शिकायत निवारण तंत्र और वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र को मजबूत किया है.’’
स्कोर 2.0 में, निवेशक शिकायतों को सीधे सेबी पंजीकृत मध्यस्थों या विनियमित संस्थाओं और नामित निकायों के साथ पहले स्तर की समीक्षा के लिए लिया जाता है, जिसमें बाजार नियामक दूसरे स्तर की समीक्षा के चरण में सभी शिकायतों को लेता है.
क्या है स्मार्ट ओडीआर पोर्टल
स्मार्ट ओडीआर पोर्टल, भारतीय प्रतिभूति बाजार में उत्पन्न होने वाले विवादों के समाधान के लिए ऑनलाइन सुलह और ऑनलाइन मध्यस्थता की सुविधा प्रदान करता है. संशोधित चार्टर का उद्देश्य निवेशकों को बाजार निवेश से जुड़े जोखिमों को बेहतर ढंग से समझने में सक्षम बनाना है, साथ ही समय पर और कुशल तरीके से उनके साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित करना है. सुधार किये गये चार्टर में निवेशकों के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं का भी विवरण दिया गया है, जैसे कि लेन-देन के रिकॉर्ड को बनाए रखना, निवेश से जुड़े जोखिमों और शुल्कों को जानना और शिकायत निवारण तंत्र से खुद को परिचित करना आदि.
इससे पहले SEBI ने इक्विटी कैश मार्केट में शेयरों के बंद भाव को तय करने के लिए देश में क्लोज ऑक्शन सेशन (CAS) मसौदा शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा है. फिलहाल, भारत में शेयरों के बंद भाव को कारोबारी दिन के आखिरी 30 मिनट के कारोबार की मात्रा आधारित औसत मूल्य (वीडब्ल्यूएपी) का इस्तेमाल करके तय किया जाता है. लेकिन, सीएएस की शुरूआत से बाजार बंद होने के दौरान विशेष रूप से इंडेक्स रिबेलेंसिंग और फ्यूचर-ऑप्शन सेटलमेंट के दिनों में मूल्य अस्थिरता कम होगी. ऐसे में बंद मूल्य पर बड़े ऑर्डर बेहतर ढंग से किए जा सकेंगे.
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