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इंश्‍योरेंस घटा न दे आपके कार की कीमत! बेचने से पहले चेक कर लीजिए अपने पेपर

जिस हिसाब से नई कारों की बिक्री बढ़ रही है, यह बात साबित होती है कि पुरानी कारों की बिक्री भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है. अब तो पुरानी कारों का बाकायदा संगठित बाजार भी बन गया है. ऐसे में अगर आप भी अपनी पुरानी कार को बेचकर नई खरीदने का मन बना रहे हैं तो यह जानकारी आपके काफी काम आ सकती है. क्‍या आपको पता है कि कार को रीसेल करने में उसके इंश्‍योरेंस की बड़ी भूमिका होती है. अगर नहीं, तो आज इस फंडे को समझ लीजिए और अगली बार कार रीसेल करते समय इसका ध्‍यान जरूरी रखें.

ज्यूरिख कोटक जनरल इंश्योरेंस ने भारत में कार की रीसेल वैल्‍यू में उसके बीमा के महत्व को उजागर किया है. जब कार खरीदने की बात आती है, तो भारतीय उपभोक्ता कई कारकों पर विचार करते हैं, जैसे कार का मॉडल, ईंधन दक्षता और रीसेल वैल्‍यू. लेकिन, एक जरूरी बात जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, वह है कार बीमा का कार के रीसेल मूल्‍य पर प्रभाव. भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, जहां हर साल लाखों कारें बेची जाती हैं. जैसे-जैसे बाजार बढ़ रहा है, वैसे-वैसे पुरानी कारों की मांग भी बढ़ रही है.

बीमा कैसे डालता है रीसेल वैल्‍यू पर असर
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनुसार, भारत में सभी कार मालिकों के लिए थर्ड-पार्टी कार बीमा अनिवार्य है. लेकिन, अगर आप कॉम्प्रिहेंसिव यानी खुद की कार को होने वाले नुकसान का भी बीमा कराते हैं तो यह फायदे का सौदा है. इससे दुर्घटनाओं, चोरी या प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान पर भी आपको वित्तीय सुरक्षा मिलती है. यदि कोई कार दुर्घटना में शामिल रही है या उसे नुकसान हुआ है, तो उस पर किया गया क्‍लेम कार की रीसेल वैल्‍यू को प्रभावित कर सकता है. ऐसी कार जिस पर कई बार क्‍लेम लिया गया हो, खरीदार अपने लिए सुरक्षित नहीं मानते और कम दाम लगाते हैं.

नो-क्‍लेम बोनस से बढ़ जाता है मूल्‍य
नो-क्लेम बोनस (NCB) एक छूट है जो बीमा कंपनी पॉलिसीधारकों को तब देती हैं, जब किसी साल में ग्राहक ने कोई क्‍लेम नहीं लिया हो. एक कार जिसमें उच्च NCB होता है, उसकी पुनर्विक्रय मूल्य अधिक हो सकती है, क्योंकि यह दर्शाता है कि कार अच्छी तरह से रखी गई है और किसी दुर्घटना में शामिल नहीं हुई है. कार बीमा कवरेज का प्रकार भी कार के पुनर्विक्रय मूल्य को प्रभावित कर सकता है. एक कार जिसमें व्यापक कार बीमा होता है, जिसमें दुर्घटनाओं, चोरी या प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान या हानि का कवरेज शामिल होता है, उसकी रीसेल वैल्‍यू केवल थर्ड-पार्टी बीमा कवरेज वाली कार से ज्‍यादा रहेगी.

कार मालिकों के लिए टिप्स

  • छोटे-मोटे नुकसान या क्षति के लिए बीमा क्‍लेम करने से बचें. इसके बजाय, मरम्मत का खर्च खुद उठाएं ताकि आपका बीमा रिकॉर्ड साफ रहे.
  • अपनी कार को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए व्यापक बीमा कवरेज चुनें.
  • बीमा क्‍लेम करने से बचें, ताकि आपका नो क्लेम बोनस (NCB) बढ़ सके, जिससे आपकी कार का रीसेल वैल्‍यू बढ़ सके.
  • जब आप अपनी कार बेचें, तो संभावित खरीदारों को सभी बीमा की जानकारी दें, जिसमें बीमा प्रीमियम, कवरेज और क्‍लेम की हिस्‍ट्री शामिल हो.

नो-क्‍लेम बोनस के और भी फायदे
अगर आपने कार का बीमा कराया और सालभर कोई भी क्‍लेम नहीं लिया तो कंपनियां आपको नो-क्‍लेम बोनस देती हैं. यह एनसीबी न सिर्फ आपके कार की रीसेल वैल्‍यू को बढ़ाता है, बल्कि अगले साल जब आप कार का बीमा कराने जाते हैं तो कंपनियां इसके प्रीमियम पर आपको छूट भी देती हैं. इसका मतलब हुआ कि एनसीबी से आपको कार का प्रीमियम भी कम देना पड़ता है.