
ग्वालियर:- 18 फरवरी 2025 मध्य प्रदेश में एक बड़े भ्रष्टाचार कांड का खुलासा हुआ है, जिसमें परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के पास बेहिसाब संपत्ति और काले धन का भंडार मिला है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और लोकायुक्त की संयुक्त जांच में यह मामला सामने आया है, जिसमें अब तक करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति का खुलासा हो चुका है।छापेमारी में चौंकाने वाले खुलासे सामने आये ग्वालियर स्थित फार्महाउस और अन्य ठिकानों पर ED ने छापा मारा, जहां से 52 किलो सोना, 10 करोड़ रुपये नकद कई लग्जरी गाड़ियों के दस्तावेज बेनामी संपत्तियों की जानकारी मिली है।
डायरी में दर्ज है 52 अधिकारियों के नाम :- छापेमारी के दौरान एक डायरी भी बरामद हुई है, जिसमें 52 RTO अधिकारियों और ज्वैलर्स के नाम लिखे गए हैं। माना जा रहा है कि इस डायरी में काले धन के लेन-देन और रिश्वत के पूरे रिकॉर्ड दर्ज हैं। जांच एजेंसियां अब इन नामों की पुष्टि कर रही हैं और कई अधिकारियों पर शिकंजा कस सकती हैं।
तीन आरोपियों की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत :- इस मामले में सौरभ शर्मा, चेतन गौर और शरद जायसवाल को गिरफ्तार किया गया था। इनकी ED रिमांड समाप्त होने के बाद अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
मौसेरी बहन कृति रजौरिया की भूमिका संदेह के घेरे में :- मामले में नया मोड़ तब आया जब सौरभ शर्मा की मौसेरी बहन कृति रजौरिया की संलिप्तता की जांच शुरू हुई। RTI कार्यकर्ता संकेत साहू ने कृति रजौरिया के बैंक खातों और संपत्तियों की जांच की मांग की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए वित्त विभाग को जांच के निर्देश दिए हैं।
अब आगे क्या?
ED और लोकायुक्त की टीमें अब इस घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों और व्यापारियों की तलाश कर रही हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह घोटाला सरकारी विभागों में फैले व्यापक भ्रष्टाचार का हिस्सा हो सकता है। इस केस में आगे और बड़े खुलासे हो सकते हैं, जिससे मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग और प्रशासन में हलचल मची हुई है।