
वेब-डेस्क :- मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इसी मामले में दायर याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स समेत कई संगठनों ने इस मामले में याचिका दायर की है। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण याचिकाकर्ताओं की ओर से अपना पक्ष रखेंगे। याचिका में आरोप लगाया गया है कि 2023 में संविधान पीठ द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया गया।
क्या है विवाद की जड़ :- मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति में प्रधानमंत्री अध्यक्ष होते हैं, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अन्य दो सदस्य होते हैं। पहले इस समिति में कैबिनेट मंत्री की जगह भारत के मुख्य न्यायाधीश को शामिल किया जाता था, लेकिन 2023 में समिति की संरचना बदल दी गई। इसी बदलाव को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
ज्ञानेश कुमार बने नए CEC :- 17 फरवरी को चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। कानून मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी की। उनके प्रमोशन के बाद हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त बनाया गया। ज्ञानेश कुमार के साथ चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे।
राहुल गांधी ने उठाए सवाल :- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर नाराजगी जाहिर की है। 18 फरवरी को उन्होंने इसे ‘गलत और अपमानजनक’ बताया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते राहुल गांधी भी चयन समिति का हिस्सा थे। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को असहमति पत्र सौंपा। राहुल गांधी का कहना है कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया स्वतंत्र होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर चीफ जस्टिस को चयन समिति से बाहर कर दिया, जिससे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
ज्ञानेश कुमार ने संभाला कार्यभार :- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले, ज्ञानेश कुमार ने 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया। वह मार्च 2024 से निर्वाचन आयुक्त के रूप में काम कर रहे थे और अब राजीव कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें यह नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।