
तेलंगाना :- तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग का निर्माणाधीन भाग ढहने से आठ मजदूर सुरंग के भीतर फंसे हुए हैं। यह दुर्घटना शनिवार सुबह हुई, और तब से उनके परिवार लगातार उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं।
फंसे हुए श्रमिक और उनके परिवारों की व्यथा :- सुरंग के भीतर फंसे लोगों में उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्री निवास, झारखंड के संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू, जम्मू-कश्मीर के सनी सिंह और पंजाब के गुरप्रीत सिंह शामिल हैं। इनमें से अधिकतर अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले हैं, जिन पर कई परिजनों की जिम्मेदारी है।
पंजाब के तरनतारन जिले के चीमा कलां गांव में रहने वाले गुरप्रीत सिंह की पत्नी और उनकी मां गहरे सदमे में हैं। उनकी पत्नी राजविंदर कौर ने बताया कि गुरप्रीत पिछले 20 वर्षों से तेलंगाना में मशीन ऑपरेटर के रूप में काम कर रहे थे। “वे कुछ दिन पहले ही घर से वापस तेलंगाना लौटे थे,” उन्होंने बताया। गुरप्रीत की 13 और 16 साल की दो बेटियां हैं, जिनमें से एक अपनी कक्षा 10 की परीक्षा दे रही है। गुरप्रीत के चचेरे भाई परगट सिंह ने बताया कि परिवार को इस दुर्घटना की जानकारी तब मिली जब उन्होंने गुरप्रीत के फोन पर कॉल किया, जिसे उन्होंने सुरंग के बाहर छोड़ दिया था। फोन उनके एक सहकर्मी ने उठाया, जिससे उन्हें इस घटना के बारे में पता चला। परगट सिंह ने कहा, “हमें कंपनी से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, और सरकार की ओर से भी कोई मदद नहीं आई है। यह बहुत ही निराशाजनक स्थिति है।
झारखंड के परिवारों की चिंता :- झारखंड के गुमला जिले के बाघिमा गांव के संदीप साहू (27) भी सुरंग में फंसे हुए हैं। वे अपने परिवार में अकेले कमाने वाले हैं और अपने छोटे भाइयों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे थे। उनके भाई अर्जुन साहू ने बताया कि संदीप ने शादी नहीं की थी क्योंकि वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहते थे। परिवार ने संदीप के पिता को बचाव स्थल तक भेजने के लिए पैसे उधार लेकर फ्लाइट टिकट की व्यवस्था की है। संतोष साहू (37), जो गुमला जिले के तिर्रा गांव के निवासी हैं, भी इस दुर्घटना में फंसे हुए हैं। उनके तीन बच्चे और पत्नी उनके सुरक्षित वापस आने की राह देख रहे हैं। संतोष के रूममेट अजय कुमार साहू ने कहा, “मुझे नहीं पता कि जब उनके परिवार वाले फोन करेंगे तो मैं उन्हें क्या जवाब दूंगा।
बचाव अभियान और परिवारों की उम्मीद :- तेलंगाना प्रशासन द्वारा बचाव कार्य जारी है, लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिली है। फंसे हुए श्रमिकों के परिवार अपने प्रियजनों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। पंजाब और झारखंड के परिवारों ने सरकार से जल्द से जल्द राहत और बचाव कार्य तेज करने की अपील की है।
इस घटना ने कई परिवारों को गहरे संकट में डाल दिया है, लेकिन वे अब भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनके अपनों की सुरक्षित वापसी होगी।