
पखांजुर :- शिक्षा विभाग में गड़बड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें कोयलीबेड़ा विकासखंड में वर्ष 2020-21 में ‘पढ़ाई तुहार योजना’ में जमकर गड़बरी हुई हैं। गौरतलब है कि कोयलीबेड़ा खंड स्रोत समन्वयक कार्यलय से 25 दिसम्बर को दो वाहनो के नाम अनियमितता हुई थी। यह खबर एक अख़बार में प्रकाशित हुई थी की 25 दिसम्बर को बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण के लिये पखांजूर से कांकेर ले जाने के नाम पर दो वाहनो का नाम दर्शा कर राशि का आहरण कर लिया गया हैं। नरेंद्र ट्रेवल्स के दो वाहनों के नाम से 9500 की राशि जारी की गई है। गाड़ी नम्बर सीजी 19 सी 0269 और सीजी 19 बी 5854 हैं। उसमें एक वाहन के नाम से 5000 और दूसरे वाहन के नाम से 4500 की राशि का आहरण किया गया हैं। जब इन दोनों वाहनो का पड़ताल किया गया तो पता चला की जिन दोनों वाहनो से राशि का आहरण किया गया हैं उसमे चौकाने वाले बातों का खुलसा हों गया।
एक वाहन एम्बुलेंस और दूसरा वाहन टीव्हीएस लूना हैं। इन दोनों वाहनो को दर्शा कर अधिकारियों ने राशि निकली हैं। जिसमें एक एंबुलेंस वाहन है और एक टीवीएस टू व्हीलर है। अक्टूबर 2021 में पखांजूर से कांकेर तक गाड़ी किराए के नाम से नरेंद्र ट्रेवल्स के नाम से लगे बिल को भी दर्शाया गया। वाहन cg बीके 3507 के नाम से 4000 की राशि निकाली गई है जबकि उक्त नंबर से कोई वाहन होना नहीं बताया जा रहा है। जब यह एक सामचार पत्र पर इस गड़बरी की खबर प्रकाशित हुई तो उस समय के जिला शिक्षा अधिकारी भुवन लाल जैन और तत्कालीन बी. ई.ओ केजूराम सिन्हा नें भी जांच कर कार्यवाही की बात कहीं थी। परंतू एक वर्ष होने के उपरांत किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई हालांकी इस पूरे खबर में कितना सच हैं इसको जानने के लिये आवेदक नें खबर अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी को सूचना के अधिकार के तहत जानकरी लगाई। इस पूरे मामले में तत्कालनी जिला शिक्षा अधिकारी भुवन लाल जैन नें भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुये मामले की जांच करने की बात कही थी। लेकिन अधिकारियों नें इस पर क्या जांच किया यह बात किसी को पता नहीं चला ओर दोषियों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाही नहीं हुई। उसके बाद आवेदक नें गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए के सुचना के अधिकार के तहत जिला कार्यलय से जानकरी के लिये सुचना के अधिकार के तहत आवेदक विकास वैध नें जनवरी 02-01-2025 को रजिस्टर्ड डाक से नियमनुसार 10रु. का पोस्टल ऑडर जमा कर अधिकारियो के ऊपर किस प्रकार की कार्यवाही की गई समस्त दस्तावेजों की जानकरी मांगी गई लेकिन आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी गयी हैं जिससे शिक्षा विभाग के ऊपर कई सवाल खड़े होते हैं? ओर जिले से कोई पत्र भी नहीं आया हैं आवेदक नें बातया की सुचना के अधिकार क़ानून को पारदर्शिता के लिये बनाया गया हैं। लेकिन इस पर कोई अमल नहीं किया जा रहा हैं। आवेदक ने राज्य सुचना आयोग में प्रथम अपील करते हुई जानकारी की मांग कर पूरे मामले की खुलसा करने की बात कहीं हैं।