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प्रदूषण पर लगाम लगेगी लगाम ! 50,000 इलेक्ट्रिक बसें लाने की तैयारी

देश में प्रदूषण का स्तर साल दर साल खतरनाक रूप से उच्च संख्या में पहुंच रहा है और हाल के दिनों में हमने देश की सरकार को भी कुछ गंभीर कदम उठाते देखा है. लेकिन देश में बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर अंकुश लगाने के प्रयास में, राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड, 50,000 इलेक्ट्रिक बसों के लिए $ 10 बिलियन की खरीद पर विचार कर रही है. इसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को डीकार्बोनाइज करने और शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के भारत के मिशन का समर्थन करना है.

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का बढ़ता क्रेज
सीईएसएल के प्रबंध निदेशक महुआ आचार्य के अनुसार, इस तरह के अनुबंध बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के समान होने लगे हैं, और इलेक्ट्रिक बसों का स्थानीय निर्माण मांग के समानांतर बढ़ने का अनुमान है. ब्लूमबर्ग टेलीविजन साक्षात्कार के दौरान आचार्य ने कहा कि “यह देश अपनी इलेक्ट्रिक वाहनों की महत्वाकांक्षा पर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसलिए वित्तपोषण एक चुनौती बना हुआ है जितना कि यह एक अवसर प्रस्तुत करता है.
भारत, जो वर्तमान में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है, को चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण करना है, ग्रिड क्षमताओं का विस्तार करना है, और इलेक्ट्रिक कारों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए डिपो को फिर से तैयार करना है. उन्होंने लगातार बैटरी आपूर्ति की समस्याओं के बारे में भी चिंता व्यक्त की.