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देश में बनने वाले 35 मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क से ढुलाई दरों में 4 फ़ीसदी की आएगी कमी

देश में बनने वाले मल्‍टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क-एमएमएलपी (Multimodal Logistics Park- MMLPs) से माल ढुलाई की दरों (लॉजिस्टिक कॉस्‍ट logistics- cost) में चार फीसदी तक की कमी आ जाएगी. इस तरह लाजिस्टिक कॉस्‍ट कम होने से चीजें सस्‍ती होंगी. मौजूदा समय करीब 14 फीसदी लॉजिस्टिक कॉस्‍ट आ रही है, लेकिन एमएमएलपी बनने के बाद यह कॉस्‍ट 10 फीसदी ही रहने की संभावना है.

केन्‍द्र सरकार माल ढुलाई में समय और ट्रांसपोर्टेशन (Transportation) में कमी लाने के लिए देशभर में 35 मल्‍टीमॉडल लाजिस्टिक पार्क बना रही है. इनमें तीन स्‍थानों पर एमएमएलपी के लिए बिड्स आमंत्रित की जा चुकी हैं, एक के लिए जल्‍द आमंत्रित कर दी जाएगी. वहीं नौ स्‍थानों के लिए अध्‍ययन का काम चल रहा है. सभी 35 स्‍थानों पर जहां पर एमएमएलपी का निर्माण होना है, उन स्‍थानों को चिन्हित कर लिया गया है.

इन स्‍थानों पर पार्क का काम प्रगति पर है

चेन्‍नई, बेंगलुरू और नागपुर में बिड्स आमंत्रित की जा चुकी हैं. इंदोर के लिए जल्द बिड्स आमंत्रित करने की तैयारी है. जिन नौ स्‍थानों पर स्‍टडी चल रही है, उनमें मुंबई, पुणे,हैदराबाद, कोयंटूर, अनंतपुर, विशाखापट्टनम, कानुपर, जम्‍मू और बिकदिन/ जलना शामिल हैं.
ये हैं प्रमुख फायदे

.मल्‍टीमॉडल पार्क इस तरह विकसित किए जाएंगे, जहां रोड के साथ साथ मालगाडि़यां भी सीधे चली जाएं. इस लाजिस्टिक कॉस्‍ट में कमी आएगी. मालगाड़ी से शहर के करीब माल को पहुंचाया जा सकेगा.

. प्रदूषण में कमी आएगी. छोटे छोटे ट्रकों के बजाए बड़े ट्रक और मालगाड़ी से माल पहुंचेगा. वाहनों के फेरे कम लगने से प्रदूषण में कमी आएगी.

.जाम से राहत मिलेगी. ट्रकों की आवाजाही कम होने से जाम से राहत मिलेगी.

भारतमाला प्रोजेक्‍ट के तहत बनेंगे एमएमएलपी

एमएमएलपी निर्माण कंपनी एनएचएलएमएल ( नेशनल हाईवे लाजिस्‍टक मैनेजमेंट लिमिटेड) के सीईओ प्रकाश गौड़ बताते हैं कि ये पार्क भारतमाला प्रोजेक्‍ट के तहत हाईवे पर विकसित किए जा रहे हैं. एनएचएलएमएल, एनएचएआई की कंपनी है जो सड़क परिवहन मंत्रालय के मार्गदर्शन में बनाई गयी है. पार्क पीपीपी मॉडल के तहत बनाए जाएंगे. निर्माण समय के साथ 45 साल के लिए छूट रहेगी. एमएमपीएल की अनुमानित लागत 70000 करोड़ है. इनमें 23000 करोड़ सरकार एजेंसी और 46000 करोड़ डेवलपर लगाएंगे. पार्क की क्षमता 700 एमएमटी होगी. 7000 एकड़ में पार्क विकसित होंगे.