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क्या भारत की मिसाइलों पर नजर रखेगा चीन? नई दिल्ली की आपत्ति के बावजूद भी बीजिंग ने नहीं रोका ‘जासूसी जहाज’

श्रीलंका की आपत्ति के बावजूद चीन ने अपने जासूसी जहाज का दौरा नहीं टाला है. यूआन वांग 5 श्रीलंका के बंदरगाह हंबनटोटा की ओर बढ़ रहा है. दरअसल यह एक मिसाइल अवलोकन और ट्रैकिंग जहाज है. इस मुद्दे पर भारत ने चिंता जताई है. मंगलवार सुबह 10 बजे 23,000 टन वजनी यूआन वांग 5 इंडोनेशिया के तट से पश्चिम में 14 समुद्री मील या 26 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से स्पीड से आगे बढ़ रहा था.

सोमवार को भारत सरकार के अनुरोध के बाद श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने चीन की सरकार से संपर्क किया और कहा कि जहाज की यात्रा स्थगित कर दी जाए. इसके जवाब में बीजिंग ने भारत का नाम लिए बिना कहा कि वह संबंधित पक्षों से चीन के वैज्ञानिक अन्वेषण को सही नजरिये से देखे और चीन व श्रीलंका के बीच सामान्य आदान-प्रदान और सहयोग को बाधित करने से बचे.

दरअसल भारत ने हिंद महासागर में चीन के जासूसी जहाज की मौजूदगी पर अपनी चिंता जाहिर की है. क्योंकि इसका इस्तेमाल उपग्रहों और अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है. 400 चालक दल के साथ यूआन वांग जहाज, कई अत्याधुनिक सेंसर से लैस है. नई दिल्ली को लगता है कि इससे हमारी सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.

ओडिशा तट से होने वाले परीक्षणों पर रख सकता है नजर

चीन का यह जासूसी जहाज ओडिशा तट से भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों पर नज़र रख सकता है. इससे चीन को भारतीय मिसाइलों के प्रदर्शन और उनकी सटीक सीमा के बारे में जानकारी प्राप्त मिलेगी. भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि इस मामले की बेहद गंभीरता से निगरानी की जा रही है.