स्पैक्ट्रम की सेल हो चुकी है और कल तो सरकार ने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (TSP) को 5जी स्पेक्ट्रम का असाइनमेंट लेटर सौंप दिया. सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों से 5G लॉन्च की तैयारी को आखिरी रूप देने के लिए भी कहा गया है. माना जा रहा है कि भारत में अक्टूबर के महीने तक 5G सेवाएं लॉन्च कर दी जाएंगी.
5G के रास्ते की एक बड़ी बाधा (एयरवेज एक्वायर) पार करने के साथ, अब इस प्रक्रिया के अहम हिस्से पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. ये अहम पार्ट हैं निवेश, आधारभूत संरचना, उपकरण, और वैश्विक मानकों के साथ तालमेल बैठाना. तो टेलीकॉम कंपनियां रोलआउट के बारे में क्या कर रही हैं और किस तरह से आगे बढ़ रही हैं, आज हम आपको इस बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं.
वर्तमान में भारत में क्या है 5G की स्थिति
स्पेक्ट्रम आवंटन की घोषणा से पहले ही भारत 5जी रेडी होने की तैयारी कर रहा था. पिछले साल एयरटेल ने नोकिया के साथ भागीदारी की. दोनों ने मिलकर कोलकाता में कम फ़्रीक्वेंसी वाले 700 मेगाहर्ट्ज बैंड वाले 5G का परीक्षण किया. हैदराबाद में भी परीक्षण किया गया. इस साल मई में, वोडाफोन ने पुणे में छह GBPS की स्पीड हासिल करने के लिए हाई-फ़्रीक्वेंसी MM वेव बैंड का परीक्षण किया, जबकि जियो भी अपने उपकरणों के इस्तेमाल से 420 MBPS की डाउनलोड स्पीड और 412 MBPS की अपलोड स्पीड हासिल की.