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शेख हसीना 5 सितंबर को पहुंचेंगी दिल्ली, PM मोदी के साथ करेंगी ‘स्वाधीनता सड़क’ का उद्घाटन

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना चार दिवसीय यात्रा पर 5 सितंबर को भारत आने वाली हैं. कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से यह उनकी पहली दिल्ली यात्रा होगी. सूत्रों की मानें तो पीएम हसीना की यात्रा के संबंध में लॉजिस्टिक्स व प्रोटोकाॅल पर चर्चा के लिए ढाका से एक टीम, जिसमें बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय और सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं, भारत की अग्रिम यात्रा पर है.

सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 5 से 8 सितंबर के बीच भारत में रहेंगी. उनके 5 सितंबर को आने और जयपुर व अजमेर शरीफ जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भारतीय नेताओं के साथ बातचीत करने की संभावना है. वह 8 सितंबर को ढाका लौटेंगी. द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अपनी यात्रा के दौरान, शेख हसीना और पीएम मोदी द्वारा वर्चुअल मोड के माध्यम से बांग्लादेश से भारत के लिए संयुक्त रूप से ‘स्वाधीनता सड़क’ का उद्घाटन करने की उम्मीद है.

दोनों नेताओं की 6 सितंबर को द्विपक्षीय वार्ता होगी
दोनों नेताओं की 6 सितंबर को द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें व्यापार, संपर्क और रक्षा संबंधों के मुद्दे हावी रहने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक सीमा प्रबंधन, नदी बंटवारा और विकास में सहयोग जैसे मुद्दे भी चर्चा का हिस्सा होंगे. बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने आखिरी बार 2019 में भारत का दौरा किया था. वहीं, भारत के प्रधानमंत्री मोदी पिछले साल मार्च में बांग्लादेश की मुक्ति संग्राम और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के के 50 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में बांग्लादेश गए थे.

अधिकारियों ने कहा कि भारत और बांग्लादेश इतिहास, भाषा, संस्कृति और कई अन्य समानताओं के बंधन साझा करते हैं. एक अधिकारी ने कहा, ‘दोनों देशों के उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंध संप्रभुता, समानता, विश्वास और समझ के आधार पर एक व्यापक साझेदारी को दर्शाते हैं, जो एक रणनीतिक साझेदारी से कहीं आगे जाती है.’

शेख हसीना ने बांग्लादेशी हिंदुओं से किया खुद को अल्पसंख्यक नहीं मानने का आग्रह
इस बीच, अपनी भारत यात्रा से पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा था कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के पास वही अधिकार हैं, जो उनके पास हैं. हिंदू समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत करते हुए, उन्होंने अन्य धर्मों में विश्वास रखने वालों से खुद को अल्पसंख्यक नहीं मानने का आग्रह करते हुए कहा कि मुस्लिम बहुल देश बांग्लादेश में हर कोई, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, समान अधिकारों का आनंद उठाएगा.