मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) शुक्रवार को ‘अकाउंट एग्रीगेटर’ (Account Aggregator) फ्रेमवर्क का हिस्सा बन गया. इससे आरबीआई रेगुलेटेड फाइनेंशियल डेटा शेयरिंग करने वाली सिस्टम को मजबूती मिलेगी. सेबी के अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क में शामिल होने से कस्टमर्स को अपने म्यूचुअल फंड और स्टॉक होल्डिंग के बारे में जानकारी फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ शेयर करने में सहूलियत होगी.
अकाउंट एग्रीगेटर आरबीआई से रेगुलेटेड एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है जो एक कस्टमर से उसकी सहमति के आधार पर फाइनेंशियल इंफॉरमेशन प्रोवाइडर्स (FIP) से जानकारियां जुटाने को मुमकिन बनाता है. इस फ्रेमवर्क के तहत सिक्योरिटीज मार्केट के एफआईपी मसलन डिपॉजिटरी और एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) अपने रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट्स (RTA) के जरिए कस्टमर्स को सिक्योरिटीज मार्केट से जुड़ी फाइनेंशियल इंफॉरमेशन दे पाएंगे. जानकारों का कहना है कि इस कदम से ट्रेडिंग सिस्टम, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड की समूची सिस्टम अकाउंट प्लेटफॉर्म इकोसिस्टम पर ‘लाइव’ हो सकेगी.
नए निर्देशों के तहत सिक्योरिटीज मार्केट में सक्रिय एफआईपी को अकाउंट एग्रीगेटरों के साथ एक अनुबंध करना होगा जिसमें दोनों पक्षों के अधिकारों एवं विवाद निपटान व्यवस्था का भी जिक्र होगा. उपभोक्ता से सहमति लेने के बाद ही अकाउंट एग्रीगेटर के जरिए हासिल फाइनेंशियल इंफॉरमेशन को एफआईपी शेयर कर पाएंगे.
क्या है अकाउंट एग्रीगेटर सिस्टम
यह एक ऐसी फाइनेंशियल डेटा शेयरिंग सिस्टम है. हाल ही में शुरू किए गए अकाउंट एग्रीगेटर सिस्टम लोगों को बिना किसी परेशानी के बैंकों से लोन प्राप्त करने में मदद करेगा. इसके लिए उनके फाइनेंशियल डेटा को इस सिस्टम की मदद से डिजिटली शेयर किया जा सकता है. अकाउंट एग्रीगेटर्स ऐसी संस्थाएं हैं, जो ग्राहकों की सहमति के आधार पर उनके फाइनेंशियल डेटा को फाइनेंशियल इंफॉरमेशन प्रोवाइडर्स (FIP) से फाइनेंशियल इंफॉरमेशन यूजर्स (FIU) तक पहुंचाना संभव करता है.