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IIT College: IIT कॉलेज क्यों माना जाता है इतना खास, इन बातों को बहुत कम लोग हैं जानते

हर किसी का सपना होता है कि IIT कॉलेज से पढ़ाई करें. 10वीं पास करने के बाद जब छात्र 11वीं में साइंस विषय चुनते है, तो उनका ख्वाइश होता है कि IIT ज्वाइन करें. लेकिन इसके लिए 12वीं में PCM (फिजिक्स, केमेस्ट्री ओर मैथ्स) विषय में अच्छे नंबर लाने के साथ IIT JEE को क्रैक करना होता है. तभी IIT में जाने के सपने साकार होते हैं. लेकिन कितनों को पता है कि IIT कॉलेज इतना खास क्यों है? आइए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की (IIT Roorkee)
IIT रुड़की भारत का सबसे पुराना इंजीनियरिंग संस्थान है. इसकी स्थापना 1847 में उत्तर-पश्चिमी प्रांतों के लेफ्टिनेंट-गवर्नर जेम्स थॉमसन ने सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में की थी. इसके बाद वर्ष 1854 में गंगा नहर के डिजाइनर और प्रोजेक्टर प्रोबी कॉटली ने इसका नाम बदलकर थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग कर दिया. बाद में 1949 में इसका नाम बदलकर रुड़की विश्वविद्यालय कर दिया गया और फिर 2001 में फिर से IIT रुड़की का नाम बदल दिया गया. IIT रुड़की में इंटरनेट की स्पीड भारत में सबसे अधिक है. यहां इंटरनेट की स्पीड भारत के औसत से 6 गुना और दुनिया के औसत से भी ज्यादा है.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIT Delhi)
IIT दिल्ली की स्थापना 1961 में हुई. इसका औपचारिक रूप से उद्घाटन वैज्ञानिक अनुसंधान और सांस्कृतिक मंत्री प्रो. हुमायूँ कबीर ने किया था. इसका परिसर वर्तमान में 320 एकड़ (या 1.3 किमी 2) में फैला हुआ है. इसके दो और कैंपस सोनीपत और झज्जर में स्थित है. IIT दिल्ली में स्थित डोगरा हॉल की छत सिर्फ दो कोनों पर टिका है. इसके बीच सपोर्ट के लिए कोई भी स्ट्रक्चर नहीं बनाया गया है.

हर किसी का सपना होता है कि IIT कॉलेज से पढ़ाई करें. 10वीं पास करने के बाद जब छात्र 11वीं में साइंस विषय चुनते है, तो उनका ख्वाइश होता है कि IIT ज्वाइन करें. लेकिन इसके लिए 12वीं में PCM (फिजिक्स, केमेस्ट्री ओर मैथ्स) विषय में अच्छे नंबर लाने के साथ IIT JEE को क्रैक करना होता है. तभी IIT में जाने के सपने साकार होते हैं. लेकिन कितनों को पता है कि IIT कॉलेज इतना खास क्यों है? आइए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की (IIT Roorkee)
IIT रुड़की भारत का सबसे पुराना इंजीनियरिंग संस्थान है. इसकी स्थापना 1847 में उत्तर-पश्चिमी प्रांतों के लेफ्टिनेंट-गवर्नर जेम्स थॉमसन ने सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में की थी. इसके बाद वर्ष 1854 में गंगा नहर के डिजाइनर और प्रोजेक्टर प्रोबी कॉटली ने इसका नाम बदलकर थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग कर दिया. बाद में 1949 में इसका नाम बदलकर रुड़की विश्वविद्यालय कर दिया गया और फिर 2001 में फिर से IIT रुड़की का नाम बदल दिया गया. IIT रुड़की में इंटरनेट की स्पीड भारत में सबसे अधिक है. यहां इंटरनेट की स्पीड भारत के औसत से 6 गुना और दुनिया के औसत से भी ज्यादा है.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIT Delhi)
IIT दिल्ली की स्थापना 1961 में हुई. इसका औपचारिक रूप से उद्घाटन वैज्ञानिक अनुसंधान और सांस्कृतिक मंत्री प्रो. हुमायूँ कबीर ने किया था. इसका परिसर वर्तमान में 320 एकड़ (या 1.3 किमी 2) में फैला हुआ है. इसके दो और कैंपस सोनीपत और झज्जर में स्थित है. IIT दिल्ली में स्थित डोगरा हॉल की छत सिर्फ दो कोनों पर टिका है. इसके बीच सपोर्ट के लिए कोई भी स्ट्रक्चर नहीं बनाया गया है.