देश

इजरायल ने हूती से वसूली ‘खून की कीमत’, यमन में किया पहला एयर स्ट्राइक, आग का गोला बने ठिकाने

इजरायल-फिलीस्तीन संघर्ष के अब पूरे मध्य पूर्व में फैलने की आशंका तेजी के बढ़ती जा रही है. ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने तेल अवीव में घातक ड्रोन हमला किया. इसके जवाब में इजरायली लड़ाकू विमानों ने हूती के कब्जे वाले यमनी बंदरगाह होदेदा में हमला किया. इसमें हमले में वहां के तेल भंडार में आग लग गई और तीन लोगों की मौत हो गई. यमन के इस बड़े बंदरगाह पर किए गए हमलों से भयंकर आग लग गई और काले धुएं का गुबार उठने लगा. अरब प्रायद्वीप के सबसे गरीब देश में इजरायल द्वारा किया गया यह पहला हमला है, जो उससे लगभग 2,000 किलोमीटर (1,300 मील) दूर है.

‘इजरायली नागरिकों के खून की कीमत होती है’
इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि ‘इजरायली नागरिकों के खून की कीमत होती है, जो कि चुकानी पड़ती है.’ उन्होंने कहा कि ‘अगर हूती हम पर हमला करने की हिम्मत करते हैं, तो उनके खिलाफ और भी अभियान चलाए जाएंगे.’ गैलेंट ने कहा कि होदेदा हमले मध्य पूर्व के आसपास के अन्य ईरान समर्थित हथियारबंद समूहों के लिए भी एक चेतावनी है, जिन्होंने गाजा युद्ध के दौरान इजरायल पर हमले करने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि ‘होदेदा में जो आग अभी जल रही है, वह पूरे मध्य पूर्व में देखी जा रही है और इसका महत्व साफ है.’

हमलों में तीन लोगों की मौत
जबकि हूती विद्रोहियों द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने हूती मीडिया में दिए गए एक बयान में कहा कि इजरायली हमलों में तीन लोग मारे गए और 87 घायल हो गए. मंत्रालय ने पहले कहा था कि घायलों में से अधिकांश गंभीर रूप से जल गए थे. वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक टेलीविजन संबोधन में चेतावनी दोहराई. उन्होंने कहा कि ‘जो कोई भी हमें नुकसान पहुंचाएगा, उसे अपने हमले की बहुत भारी कीमत चुकानी होगी.’ गौरतलब है कि तेल अवीव में हमले के कुछ ही घंटों बाद ही रक्षामंत्री गैलेंट ने कसम खाई थी कि इजरायल हूतियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा. जिनका यमन के बड़े हिस्से पर कब्जा है, जिसमें लाल सागर तट का अधिकांश हिस्सा भी शामिल है. इजरायली सैन्य प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा कि एफ-15 जेट विमानों ने हमला किया और सभी सुरक्षित रूप से बेस पर लौट आए.