देश के कई शहरों में दुकानदार 10 रुपये का सिक्का लेने में आनाकानी करते हैं. इन सिक्कों को लेकर लोग अलग-अलग दलील देते हैं. हैदराबाद में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. भाग्यनगर के अधिकांश मॉल 10 रुपये का सिक्का स्वीकार नहीं करते हैं. हाल ही में नीलोफर कैफे में भी 10 रुपये का सिक्का लेने से इनकार कर दिया. दुकानदारों का कहना है कि कोई हमसे 10 रुपये के सिक्के नहीं ले रहा है. हालांकि, 10 रुपये का सिक्का चलन में है और कोई इसे लेने से इनकार नहीं कर सकता है. ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि मुद्रा लेने से इनकार करने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. आइये आपको बताते हैं 10 रुपये का सिक्का लेने से इनकार करने पर दुकानदार पर क्या कार्रवाई हो सकती है.
10 रुपये का सिक्का लेने से इनकार क्यों?
देश के कई शहरों में दुकानदार 10 रुपये का सिक्का लेने से इनकार करते हैं. इससे लोगों को काफी परेशानी होती है. सिक्के नहीं लेने के पीछे कई लोगों की दलील है कि 10 रुपये का सिक्का नकली है या फिर अब यह कॉइन चलन में नहीं है. लेकिन, क्या आप जानते हैं ऐसा करना कानूनी अपराध है. अगर आप से कोई 10 रुपये का सिक्का लेने से इनकार करे तो आप ऐसे लोगों की शिकायत करते हैं. इस अपराध के लिए उन्हें सजा भी हो सकती है.
ऐसा करने पर मिलेगी कड़ी सजा
भारतीय दंड संहिता की धारा 489A से 489E तक, नोटों या सिक्कों की नकली छपाई, नकली नोटों या सिक्कों का प्रचलन, असली सिक्कों को स्वीकार करने से इनकार करना अपराध है. इन धाराओं के तहत जुर्माना, कारावास या दोनों लगाने का प्रावधान किया गया है. अगर कोई आपसे सिक्का लेने से इनकार करता है तो आप जरूरी सबूत के साथ उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं.
सिक्के लेने से इनकार करने वाले (यदि सिक्का प्रचलन में है) तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है. उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई होगी. इस मामले पर रिजर्व बैंक से भी शिकायत की जा सकती है. इसके बाद… दुकानदार या सिक्के लेने से इनकार करने वालों पर कार्रवाई हो सकती है.
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