दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग के तमिलनाडु स्थित श्रीपेरंबुदूर प्लांट में पिछले 17 दिन से हड़ताल जारी है. हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को कंपनी ने नौकरी से निकालने की भी चेतावनी दी है. इसके अलावा उनका आईडी कार्ड डिसेबल करने और दिवाली बोनस रोकने तक की धमकी भी दी गई है. इसके बावजूद कर्मचारी पीछे नहीं हट रहे हैं. इनकी 3 प्रमुख मांगे हैं जिन्हें लेकर वह हड़ताल कर रहे हैं.
उनकी पहली मांग है कि उनका वेतन बढ़ाया जाए. उनकी दूसरी मांग वर्किंग आवर्स को 8 घंटे करने की है. उनकी तीसरी मांग है कि उन्होंने जो सैमसंग इंडिया लेबर वेलफेयर यूनियन के नाम से संगठन बनाया है उसे कंपनी की ओर से मान्यता मिले. कर्मचारियों का मानना है कि कंपनी और उनके बीच प्रभावी संवाद के लिए यूनियन का होना जरूरी है.
कंपनी ने जारी किया बयान
इस पर पहली बार कंपनी ने भी बयान जारी किया है. सैमसंग का कहना है कि उसके कर्मचारियों को जो वेतन मिलता है वह उस क्षेत्र में उनके समकक्ष अन्य जॉब से करीब 1.8 गुना अधिक है. सैमसंग का यह भी कहना है कि कर्मचारी ओवरटाइम के लिए पात्र हैं. इसके अलावा कंपनी ने सर्वोच्च स्तर की सुरक्षा, स्वास्थ्य और वेलफेयर सेवाएं देने का भी दावा किया है. सैमसंग ने कहा है कि वह कर्मचारियों की मांग सुनने के लिए उनसे बात करने को तैयार है.
सरकार ने किया हस्तक्षेप
सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है. केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को चिट्ठी लिखकर सैमसंग में श्रमिकों की हड़ताल का तुरंत समाधान का आग्रह किया है. उन्होंने मामले को कुशलतापूर्वक सुलझाने में राज्य की मदद के लिए मंत्रालय की ओर से पूर्ण समर्थन का भी आश्वासन दिया.
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