
वेब-डेस्क :- चलिए आज आपको एक ऐसे महिला के बारे में बताते है जिन्होंने दुनिया घूमने के लिए 3 साल में 30 रिटायरमेंट ले डालें है। हालांकि ये सुनकर आपको थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन U.K के एक 21 वर्षीय महिला ने दुनिया की यात्रा करने के लिए तीन वर्षों में 30 माइक्रो-रिटायरमेंट लिए है जिसमें उन्होंने 30 देश की यात्राएं की है। इस महिला का नाम लॉरेन किर्बी है, जो मेडस्टोन, केंट की एक नर्सरी कार्यकर्ता हैं।
किर्बी 18 वर्ष की उम्र से यात्रा कर रही हैं, उनकी यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने 18 साल की उम्र में ट्रैवल कंपनी टीयूआई (TUI) के साथ चाइल्डकेयर रीप्रजेंटेटिव की भूमिका के लिए टिक-टॉक पर एक एड देखा था। उन्होंने इस अवसर का लाभ उठाया और तीन महीने के लिए ग्रीस के कोर्फू के लिए इस ट्रैवल कंपनी के साथ यात्रा पर निकल गईं।
आपको बता दें कि ट्रैवल एजेंसी ने उनके रहने, खाने और अन्य बिलों का खर्च उठाया, साथ ही उन्हें हर महीने $988 (86,393 रुपये) सैलरी भी दी। महिला ने $3,130 (2,73,702.85 रुपये) की बचत की और पुर्तगाल, मैक्सिको और फिनलैंड की यात्रा भी की है।
किर्बी ने किया देश भर की यात्रा
2023 में, किर्बी ने केंट में अपने घर के पास एक नर्सरी में पार्ट टाइम जॉब करना शुरू किया था। अपने यात्राओं के लिए किर्बी ने अपने लंबे वीकेंड और एनुअल लीव्स का यूज करते हुए, 26 और देशों की यात्रा की है। उन्होंने मार्च 2024 में ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट की उड़ान के लिए $5,000 (4,37,225 रुपये) भी बचाए, जहां वे सितंबर तक वहां रहीं है।
किर्बी ने यात्रा को लेकर क्या कहा
अपनी यात्राओं को लेकर किर्बी कहती हैं कि उन्होंने यात्रा के दौरान विभिन्न संस्कृतियों से बच्चों की देखभाल करने के अलग-तरीके सीखे है। उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रेलिया में, उन्होंने सभी मौसम की परिस्थितियों में बच्चों को 30 मिनट की सैर पर ले जाने के बारे में सीखा है। किर्बी का मानना है कि माइक्रो रिटायरमेंट ने उन्हें पहले से कहीं ज्यादा आत्मविश्वासी और स्वतंत्र बना दिया है।
उन्होंने अपने पुराने दिन याद करते हुए बताया कि 16 साल की उम्र में उन्हें खाना ऑर्डर करने में भी शर्म आती थी, लेकिन 18 साल की उम्र में पहला माइक्रो-रिटायरमेंट लेने के बाद, वो पूरी तरह से अलग इंसान बन गईं।
लॉरेन किर्बी आगे कहती हैं कि कई लोग यात्रा करने के लिए ट्रेडिशनल रिटायरमेंट का इंतजार करते हैं, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि हर कोई जीवन में उस मुकाम तक पहुंच पाएगा।