
वेब- डेस्क:- युवा संस्था द्वारा आज “एक्सेस टू सक्सेस: फ्लाय बियॉन्ड द स्काय” विषय पर प्रेरणादायक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूर्व क्षेत्रीय निदेशक, ईएसआईसी, श्रम मंत्रालय, भारत सरकार के डॉ. जे.के. डागर थे।
मुख्य अतिथि का सम्मान कार्यक्रम की शुरुआत में एनएच गोयल स्कूल की वाइस प्रिंसिपल श्रीमती रत्ना रॉय एवं अन्य अतिथियों ने मुख्य वक्ता डॉ. डागर का सम्मान शॉल, श्रीफल, सूत की माला और पुष्पगुच्छ से किया।
संघर्ष और सफलता की प्रेरक कहानी डॉ. डागर ने छात्रों को अपने संघर्षों की कहानी सुनाते हुए बताया कि उन्होंने भी एक छोटे गाँव और आर्थिक कठिनाइयों में अपना बचपन बिताया। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और विपरीत परिस्थितियों का डटकर सामना किया। उन्होंने बताया कि सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत रहने के बावजूद, उन्होंने शाम 7 से रात 12 बजे तक ट्यूशन पढ़ाई और सुबह 3 बजे उठकर साहित्य एवं काव्य लेखन के प्रति अपने शौक को पूरा किया। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि “दिन के 24 घंटों का सही उपयोग करने से जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
व्यक्तित्व विकास का अनूठा मंत्र :- डॉ. डागर ने व्यक्तित्व विकास पर जोर देते हुए कहा, “बॉडी प्लस बिहेवियर ही पर्सनैलिटी है।” उन्होंने समझाया कि शरीर को सही खान-पान और व्यायाम से सुधारा जा सकता है, लेकिन व्यवहार को सुधारने के लिए पहले अपने विचारों को सही करना जरूरी है। उन्होंने कहा, “जैसे विचार होंगे, वैसे ही हमारे कार्य होंगे और उन्हीं के आधार पर हमें सफलता या असफलता मिलेगी |
बच्चों को अभिभावकों का संदेश :- डॉ. डागर ने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों के मार्गदर्शक बनें, न कि उन पर अपनी इच्छाएं थोपें। उन्होंने कहा, “आप बच्चों के ‘PARENT’ हैं यानी ‘PA on RENT’। इसका अर्थ है कि आप उनके सहायक हैं, मालिक नहीं। उन्हें अपने सपनों को साकार करने की स्वतंत्रता दें और सही मार्गदर्शन दें|
छात्रों के प्रश्नों के रोचक उत्तर :- कार्यक्रम के अंत में, डॉ. डागर ने छात्रों के विभिन्न सवालों का रोचक और प्रेरणादायक उत्तर देकर उन्हें नई ऊर्जा प्रदान की।
कार्यक्रम का समापन :- युवा संस्था की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री प्रिया जायसवाल ने सभी गणमान्य अतिथियों और उपस्थित छात्रों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सेमिनार सभी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।